अतीत के साथ सुलह कर लो

 अतीत के साथ सुलह कर लो :   ~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~

हम सब की बहुत सी तकलीफों की वजह अतीत होता है। वो बहुत सी यादें जो हमें नहीं पसन्द उन्हें हम भूलते नहीं। और उनकी टीस ज़ेहन में निरंतर बनी रहती है। उसी चक्कर में अमूमन वर्तमान और भविष्य भी प्रभावित होता है। हमारे आज के निर्णय भी अतीत की छाया में जब लिए जाते हैं तो वो भविष्य की ओर नहीं देखते। अपितु वर्तमान को भी दूषित कर देते हैं। कभी कभार तो रिश्तों तक का सौहार्दपूर्ण नज़रिया खत्म हो जाता है। इसलिए अतीत के साथ सुलह कर लेनी चाहिए। उसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना होगा.....

1. सर्वप्रथम तो हमें ये विश्वास करना होगा कि जो नियति में लिखा है वही हुआ। और उस होने में अगर कोई माध्यम बन जाता है तो ये ईश्वर की मर्ज़ी है। उस बन्दे की नहीं.......!

2.अतीत मीठा होगा या कड़वा ये परिस्थितियों के साथ हमारी सोच पर भी निर्भर करता है। हम उसे कितनी गहराई से स्वीकार रहे ......यदि हम उसे let go वाले attitude के साथ देख रहे तो उसकी पीड़ा या खुशी क्षणिक होगी। जिसका सोच पर लंबा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

3.किसी जीवन का अतीत कोई फ़िल्म तो है नहीं...जिसमें फ़्लैश बैक के सीन भी यथार्थ की तरह ही चलते रहते हैं। हम बस उसकी परछाईं में जीते है। और ये परछाई आज की तमाम ख़ुशनुमा स्थितियों की रोशनी में मिटाई जा सकती है। 

4.अतीत के कठिन अनुभवों को शिक्षक के तौर पर अगर लिया जाए तो वर्तमान में उनकी महत्ता बढ़ जाएगी। ये शिक्षा एक मजबूत मानसिक दृष्टिकोण develop करती है। कोई भी पीड़ा या परेशानी अपने साथ हल ज़रूर लेकर आती है। ये हमारी काबिलियत को परखने जैसा है कि हम हल कितनी सुगमता से ढूंढ रहे....!

5. Child born with silver spoon ये वक्तव्य सभी ने सुना होगा। तो जो लोग जन्म से ही सुख सुविधाओं और विलासिता से जीवन जीते हैं। उनके अंदर पीड़ाओं को झेलने और सुलझाने का माद्दा बहुत कम होता है। उनका अतीत भले ही अच्छा हो पर उनका वर्तमान और भविष्य खोखला हो सकता है क्योंकि वो शरीर और सोच से मजबूत नहीं है। लेकिन दूसरी तरफ जो बचपन से ही तमाम परिस्थितियों से लड़ते जूझते जी रहा हो जिसका अतीत उसे बार बार उसके पीड़ा से उबरने की याद दिलाता हो उसका वर्तमान मजबूत होयेगा। 

6. अतीत से सुलह करने के लिए उसकी जरूरत को स्वीकार करना सबसे जरूरी है। क्योंकि अतीत की ही घटनाएं हमारे भविष्य की योजनाओं को बेहतर execute  करने में मदद करती हैं।

7. Let go की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण दो बिंदु है जिन्हें स्वीकारना होगा पहला वर्तमान में जीना दूसरा अतीत के अनुभवों ने ही जो हम आज है उसे बनाया है।

8.सुलह करने के लिए अतीत की तमाम घटनाओं में शामिल अवयवों को भी क्षमा करना होगा। हालांकि ये सरल सी सुनी जाने वाली बात बेहद कठिन है पर ये उसके साथ निभाने के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है । 

9. Forgive forgot....Bear with the faults of others as you would have them bear with yours...

10. We win by tenderness and we conquer by forgiveness. Forgiveness is the attribute of the strong.

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