प्यार और चुप्पी की अभिव्यक्ति ....😊
प्यार और चुप्पी की अभिव्यक्ति .............!
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आज एक ऐसे विषय पर चर्चा करना चाहती हूँ जिस पर ध्यान न दिए जाने का खामियाजा हर किसी को भुगतना ही पड़ता है। वह है अपनी भावनाओं को शब्दों जरिये अभिव्यक्त करना आना। हम अपने जीवन में बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं। उनके प्रति बहुत कुछ सोचते भी हैं। पर उन्हें सब कुछ किस प्रकार व्यक्त करें कि वह आप के लिए सकारात्मक बन जाए ये कला आनी चाहिए। भावनाएं किसी अन्य से रिश्ता रखने या न रखने के लिए माध्यम बनती हैं। आप जिस के लिए जैसी भावना रखेंगे ,आप रिश्ते को भी उसी प्रकार निरंतर रखने या खत्म करने का प्रयास करेंगे। मुश्किल तब आती है जब आप की भावना सही हो पर उसे या तो पहचाना नहीं जा रहा हो या गलत समझा जा रहा हो। इस के लिए जरूरी है कि आप अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति समय समय पर करते रहें। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो मन की बात मन में रख कर चुप रहते हैं। उन्हें घुन्ना भी कहा जाता है। क्योंकि उनकी अगली प्रतिक्रिया क्या होगी ये कोई नहीं जानता। जबकि ज्यादा बोलने वाले दिल के साफ़ माने जाते हैं। वह अपनी हर बात सफाई से रख देते हैं।
अभिव्यक्ति जीवन के लिए एक जरूरी element है। ये मैंने रोज की दिनचर्या में महसूस किया है। कितना भी अच्छा खाना बना कर रख दो , कितनी भी अच्छी तरह dress up हो जाओ , कितनी भी अच्छा सा तोहफा ला कर दे दो। मजाल है जो कभी तारीफ मिल जाए या कभी धन्यवाद के हक़दार बन जाए। ये सभी पतियों की आम बीमारी है। अक्सर झगड़े का कारण भी यही होता है। आप अपने शब्दों से किसी को भी खुश कर सकते है ये आप को पता है तो आजमा कर क्यों नहीं देखते। क्योंकि यही एक ऐसा मूल मंत्र है जिस से बिना कुछ गवाएं बहुत कुछ पाया सकता है। इस के लिए एक जरूरी तथ्य ये भी है कि अभिवक्ति सही समय पर की जाए वरना उस का मूल्य कम हो जाता है। हमेशा प्रयास करना चाहिए कि सही समय पर सही व्यक्ति को सच्ची अभिव्यक्ति दे सकें जिस से वह हमेशा के लिए आप का मुरीद बन सकता है। मन की बात को शब्दों में ढालें और अपने को और भी ज्यादा अपना और करीबी बनायें। क्योंकि बिना मुहं खोले तो ईश्वर भी आप की फरियाद नहीं सुनता। इस लिए अपने प्यार और चुप्पी को शब्दों में ढ़ालिये और बदलाव महसूस कीजिये।
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आज एक ऐसे विषय पर चर्चा करना चाहती हूँ जिस पर ध्यान न दिए जाने का खामियाजा हर किसी को भुगतना ही पड़ता है। वह है अपनी भावनाओं को शब्दों जरिये अभिव्यक्त करना आना। हम अपने जीवन में बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं। उनके प्रति बहुत कुछ सोचते भी हैं। पर उन्हें सब कुछ किस प्रकार व्यक्त करें कि वह आप के लिए सकारात्मक बन जाए ये कला आनी चाहिए। भावनाएं किसी अन्य से रिश्ता रखने या न रखने के लिए माध्यम बनती हैं। आप जिस के लिए जैसी भावना रखेंगे ,आप रिश्ते को भी उसी प्रकार निरंतर रखने या खत्म करने का प्रयास करेंगे। मुश्किल तब आती है जब आप की भावना सही हो पर उसे या तो पहचाना नहीं जा रहा हो या गलत समझा जा रहा हो। इस के लिए जरूरी है कि आप अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति समय समय पर करते रहें। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो मन की बात मन में रख कर चुप रहते हैं। उन्हें घुन्ना भी कहा जाता है। क्योंकि उनकी अगली प्रतिक्रिया क्या होगी ये कोई नहीं जानता। जबकि ज्यादा बोलने वाले दिल के साफ़ माने जाते हैं। वह अपनी हर बात सफाई से रख देते हैं।
अभिव्यक्ति जीवन के लिए एक जरूरी element है। ये मैंने रोज की दिनचर्या में महसूस किया है। कितना भी अच्छा खाना बना कर रख दो , कितनी भी अच्छी तरह dress up हो जाओ , कितनी भी अच्छा सा तोहफा ला कर दे दो। मजाल है जो कभी तारीफ मिल जाए या कभी धन्यवाद के हक़दार बन जाए। ये सभी पतियों की आम बीमारी है। अक्सर झगड़े का कारण भी यही होता है। आप अपने शब्दों से किसी को भी खुश कर सकते है ये आप को पता है तो आजमा कर क्यों नहीं देखते। क्योंकि यही एक ऐसा मूल मंत्र है जिस से बिना कुछ गवाएं बहुत कुछ पाया सकता है। इस के लिए एक जरूरी तथ्य ये भी है कि अभिवक्ति सही समय पर की जाए वरना उस का मूल्य कम हो जाता है। हमेशा प्रयास करना चाहिए कि सही समय पर सही व्यक्ति को सच्ची अभिव्यक्ति दे सकें जिस से वह हमेशा के लिए आप का मुरीद बन सकता है। मन की बात को शब्दों में ढालें और अपने को और भी ज्यादा अपना और करीबी बनायें। क्योंकि बिना मुहं खोले तो ईश्वर भी आप की फरियाद नहीं सुनता। इस लिए अपने प्यार और चुप्पी को शब्दों में ढ़ालिये और बदलाव महसूस कीजिये।
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