वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ... गणेश चतुर्थी पर विशेष 🕉️
वक्रतुंड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ , निर्विघ्नं कुरुमेदेवों सर्वकार्येषु सर्वदा ………!
गणेश चतुर्थी पर विशेष
पधारो गणपति मेरे द्वार,
लिए रिद्धि सिद्धि को संग।
जीवन की बाधाएं मिटें ,
अनिश्चितता होवे भंग।
भाग्योदय का दीपक जले ,
पावें हम खुशियां अनन्त।
मस्तक पे विराजें सूर्यदेव ,
चमके उनकी आभा का रंग।
प्रथम पूज्य बन के आओ ,
सौभाग्य प्राथमिक कर दो।
फले फूलें और भरे रहें हम ,
ऐसा हम सब को वर दो।
वक्रतुंड महाकाय जय हो ,
तेरी कृपा की ही दरकार है।
तेरी सुदृष्टि की छत्रछाया में,
फलता फूलता ये संसार है।
रिद्धि सिद्धि को साथ लिए ,
घर आओ और बस जाओ।
सुख सौभाग्य की वर्षा में ,
संग मेरे खुश हो हंस जाओ।
लम्बोदर लम्बी कर दो अब ,
जीवन में खुशियों की रेखा।
अब तुम ही रखोगे मेरे ,
सब कर्मों का लेखा जोखा।
सदा नियति की कृपा रहे ,
अब यही कामना मेरी है।
दैवयोग से सम्पन्न रहें ,
यही उदारता तेरी है।
गणेश चतुर्थी पर विशेष
पधारो गणपति मेरे द्वार,
लिए रिद्धि सिद्धि को संग।
जीवन की बाधाएं मिटें ,
अनिश्चितता होवे भंग।
भाग्योदय का दीपक जले ,
पावें हम खुशियां अनन्त।
मस्तक पे विराजें सूर्यदेव ,
चमके उनकी आभा का रंग।
प्रथम पूज्य बन के आओ ,
सौभाग्य प्राथमिक कर दो।
फले फूलें और भरे रहें हम ,
ऐसा हम सब को वर दो।
वक्रतुंड महाकाय जय हो ,
तेरी कृपा की ही दरकार है।
तेरी सुदृष्टि की छत्रछाया में,
फलता फूलता ये संसार है।
रिद्धि सिद्धि को साथ लिए ,
घर आओ और बस जाओ।
सुख सौभाग्य की वर्षा में ,
संग मेरे खुश हो हंस जाओ।
लम्बोदर लम्बी कर दो अब ,
जीवन में खुशियों की रेखा।
अब तुम ही रखोगे मेरे ,
सब कर्मों का लेखा जोखा।
सदा नियति की कृपा रहे ,
अब यही कामना मेरी है।
दैवयोग से सम्पन्न रहें ,
यही उदारता तेरी है।
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