असफलता सफलता की  जबकि जोखिम तरक्की की  कुंजी  
समांन्यतया हम सभी सकारात्मकता की ओर बढ़ते हुए सफलताओ के शिखर  पर पहुंचना चाहते है और इसके लिए अपने बच्चो को भी प्रेरित करते रहते है। और ऐसा करते समय हम इसके विलोम असफलता एवं जोखिम से  न तो रूबरू होना चाहते है और अगर ये शब्द हमारी सफलता की रह में आ जाये तो हम अपना आगे  बढ़ने का रास्ता भी बंद  करने लगते है । हमे ये याद रखना होगा की हर एक असफलता अपने साथ सफलता और हर एक जोखिम अपने साथ तरक्की छिपाये रहते है ठीक उसी तरह जैसे की हर एक  अंधेरी रात अपने आगोश में उजाले को छिपाये रहती है।
ये बाते हमें न केवल स्वम याद रखनी है बल्कि ये हमारे बढ़ते बच्चो की अच्छी परवरिश एवं अच्छे भाग्य के लिए भी जरुरी है । क्योंकि आज सफलता की अंधी दौड़ में हर अभिभावक चाहता है की उसका बच्चा हमेशा फर्स्ट आये और कभी भी असफल न हो और ये ही मानसिकता बच्चो पर अतिरिक्त दबाव बना रही है जिसके चलते बच्चे या तो आत्म हत्या कर रहे है या फिर ड्रग का सहारा ले कर अपना जीवन ख़राब कर रहे है। असल में अच्छे कॅरियर  के लिए असफल होने के डर को निकालना बहुत जरुरी  होता है दूसरे शब्दों में कहे तो कॅरियर यह नहीं होता की आपने क्या हांसिल किया है कॅरियर यह है की  किन परेशानियों को आपने पार किया है और कितनी बार असफल रहे है। इसे माइकल जॉर्डन ने कुछ इस तरह करा था : "अपने कॅरियर में मै ९००० शॉट चूका ३०० गेम में मुझे हार मिली २६ बार मुझ पर भरोसा  किया गया की मै  विनिंग शॉट खेलू । लेकिन मै असफल रहा ।  मै  बार बार असफल होता रहा इसीलिए मै  आज सफल हूँ । ये मेरा करियर है.। ऐसे ये एक नहीं कई उदाहरण है जिनमे असफलता ने  ही सफलता की कहानी लिखी है और जोखिम उठा  कर ही कई आज बहित बड़े उद्योगपति बने है  
इसका सार यही  है की असफलता और जोखिम से हमें डरना नहीं चाहिए  बल्कि इन से भी हमें कुछ सिख कर आगे बढ़ना चाइये ।
   

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