युवाओं के लिए खेती में आजीविका के अवसर               ************************************                                     कहीं पर एक बहुत अच्छी पक्तियां पढ़ने में आईं , कि मुझे अब अख़बार 
की जरूरत नहीं क्योंकि अब मैं सारी ख़बरें इंटरनेट के जरिये जान और 
समझ लेता हूँ और ये कुछ इस तरह की बात हुई कि अब मैं अपनी सारी जरूरतें एक शॉपिंग मॉल से पूरी कर लेता हूँ  इसलिए मुझे खेती किसानी में रूचि लेने की आवश्यकता नहीं। ये एक तरह का मजाक ही तो हुआ।  
              उपरोक्त पंक्तियाँ जहाँ एक ओर खेती की उपयोगिता को दर्शाती है वहीं दूसरी तरफ इस ओर भी इशारा करती है कि समय के साथ जहाँ कई दूसरे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम हो सकते है परन्तु कृषि क्षेत्र में नहीं।  क्योंकि जब तक धरती पर जीवन है। खेती व उससे उपलब्ध होने वाली चीजो की भी जरुरत निरंतर बनी रहेगी  इस पक्ष का दूसरा पहलु ये भी है कि खेती एवं खेती से उपलब्ध उत्पादों पर आधारित उद्योगो की सूची भी बहुत बड़ी है। 
                   हम चाहे कितनी भी भोजन संबंधी आदतें बदल दें। देसी 
या जंक फ़ूड को अपने चुनाव में प्राथमिक कर दें पर क्या आप कभी सब्जी भाजी या अनाज के बिना किसी भी खाद्य पदार्थ की कल्पना कर सकतें हैं ?  कोई भी व्यंजन तभी अपने पूरे स्वरुप में आता है जब उसमें प्रयोग होने वाली सभी सामग्रियाँ उपलब्द्ध हो और तयशुदा मात्रा में उपयोग में ली गयी हों। स्वाद और तृप्ति का जादू जबान पर तभी चढ़ कर बोलेगा जब बाजार उन सभी चीजों से भरा रहेगा जो एक अच्छे व्यंजन को बनाने के लिए आवश्यक हैं।कृषि में रूचि की आवश्यकता यूँ है कि आज हर व्यक्ति शुद्ध पोषाहार की कामना करता है। आज सभी चाहतें हैं की उनके प्रयोग में ली जा रही रसोई की सभी कच्ची सामग्री शुद्ध हो ,तरो ताजा हो और इस शुद्धता के लिए वह अच्छी कीमत भी देने को तैयार होते हैं।  ये एक सुनहरा अवसर है उन युवाओं के लिए जो कृषि में अपना भविष्य बनाने का सोच रहें हैं। आज कल ऐसे फ़ार्म हाउस भी विकसित किये जा रहें है जो ऑर्गैनिक तरीके से सब्जी भाजी उगातें हैं। उन के खरीदार खुद उन तक खुद पहुँच कर कच्चा माल उठा लेतें हैं। ये खरीदार बड़े बड़े होटल वाले या फूडिंग व्यवसाय से जुड़े लोग होते हैं। ऐसे फार्म हाउस वालों को बाजार नहीं तलाशना पड़ता। इनकी शुद्धता और ताजगी ही इनके उत्पाद की गारंटी होती हैं।
              लेकिन इन सब के लिए आवश्यक है कि  पहले खेती की उपयोगिता हम समझें तभी आने वाली पीढ़ी इस में रूचि लेकर इसे करने को आगे आएगी। मॉल में उपलब्ध तमाम सामानों के पीछे कृषि उत्पादों की महत्ता को हम जैसे लोगों को स्वीकारना होगा।  तभी सरकारें कृषकों को एक उद्योगपति का दर्जा देकर उनकी पूंजी की कीमत समझेगी।  

Comments