माहवारी और सेनेटरी  नैपकिन  से जुड़ा सत्य.........!
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हम कभी भी महिलाओं की अहम् जरूरतों के प्रति सजग नहीं हो पाएंगे।  जबकि वह जरूरतें पुरे परिवार के भविष्य से जुडी होती हैं।  महिला का स्वास्थ्य एक सफल और सुघड़ परिवार की नीवं होता है। अस्वस्थ् महिला न ही घर संभाल पाती है न ही खुद को। 
  महिला से जुड़ा एक महत्वपूर्ण  मुद्दा है , मासिक माहवारी का। 
 यह हर महिला के जीवन का अभिन्न अंग है जिससे उसे हर माह  गुजरना पड़ता है।  आज भी गावों में महिलाएं पुराने कपड़ों के पैड्स बना कर प्रयोग करती हैं। ये क्रम माह में तकरीबन चार से पांच दिनों तक चलता है। इस के लिए इतने ज्यादा पुराने कपडे कहाँ से आएं तो वह इसे reuse  करने के चक्कर में पुनः धो कर प्रयोग करने की कोशिश करती हैं। जो कि स्वस्थ्य की दृष्टि से अत्यंत हानिकारक है। ये पुरुषों और बाहरी समाज के समझ से बाहर की बात है। शायद इसीलिए आज तक भी किसी भी सरकार ने ये कोशिश नहीं की कि ऐसे सेनेटरी नैपकिन बनाये जाए जो सस्ते कीमत वाले हों , आसानी से मिल जाएँ और भरपूर सोखने की क्षमता रखते हों , साथ ही जिनका निस्तारण भी सुविधाजनक तरीके से किया जा सके। जिसे एक गरीब से गरीब महिला भी अपनी शारीरिक जरूरत समझ कर प्रयोग कर सके। 
                                
यह सिर्फ सुविधा की दृष्टि से ही नहीं बल्कि आरोग्यता के लिए भी आवश्यक है। उन दिनों तो वैसे भी एक महिला तकलीफ से गुजर रही होती है।  अमूमन काफी महिलाओं को ऐसे समय में दर्द की शिकायत रहती है। उस पर सही तरह से व्यवस्थित नैपकिन न होने से वह चलने फिरने से और लाचार महसूस करने लगती है। कोई भी बाहरी वस्तु को शरीर के साथ तालमेल बिठा कर रोजमर्रा की दिनचर्या को निभाना एक दुष्कर काम है।  उस पर तमाम तरह के प्रतिबंध , कपडे में दाग लग जाए तो ये भी उसके लिए ही शर्मिंदगी का कारण है।  आज भी पुराणपंथी विचारों वाले रजस्वला महिला को अछूत मानते हैं।  उनकी परछाई भी पड़ने देना उनके लिए पुनः स्नान का कारण बन जाता है। ऐसे में जो सबसे जरूरी है वह है उन्हें भरपूर सुविधाजनक सेनेटरी नैपकिन उपलब्द्ध करवाना।  जिससे वह खुद को स्वछंद महसूस कर सकें।  साथ ही स्वास्थ्य की भी दृष्टि से सुरक्षित और निरोग रहें।  महिला के जिस शारीरिक गुण पर सृष्टि के निर्माण की प्रक्रिया निर्भर है  . कम से कम उस वरदान को तो भरपूर सम्मान देकर उसके लिए समुचित प्रबंध करना हम सभी की जिमेदारी बनती है।   

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