अकेलेपन और एकांत का अंतर ...... !
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अकेलापन सबसे बड़ी सजा है।
जबकि एकांत में स्वयं के साथ ,
कुछ पल जीने का मज़ा है।
अकेलेपन में छटपटाहट है।
जबकि एकांत में सुकून है ,
शुद्ध विचारों की सुगबुगाहट है।
अकेलेपन में घबराहट है।
जबकि एकांत में सिर्फ शांति है ,
पारस्परिक क्रियाओं की आहट है।
अकेलापन सदैव बाहर भगाता है।
जबकि एकांत मन की डोर ,
अपनी मंजिल से लगाता है।
अकेलापन एक अभिशाप है।
जबकि एकांत वह वरदान है,
जिसमें आत्मपरिचय की छाप है।
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अकेलापन सबसे बड़ी सजा है।
जबकि एकांत में स्वयं के साथ ,
कुछ पल जीने का मज़ा है।
अकेलेपन में छटपटाहट है।
जबकि एकांत में सुकून है ,
शुद्ध विचारों की सुगबुगाहट है।
अकेलेपन में घबराहट है।
जबकि एकांत में सिर्फ शांति है ,
पारस्परिक क्रियाओं की आहट है।
अकेलापन सदैव बाहर भगाता है।
जबकि एकांत मन की डोर ,
अपनी मंजिल से लगाता है।
अकेलापन एक अभिशाप है।
जबकि एकांत वह वरदान है,
जिसमें आत्मपरिचय की छाप है।
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