हाल कैसा है
हाल कैसा है : •••••••••••••
जो खबर लेते तो पता चल पाता कि हाल कैसा है
खामोशी को समझ जाते और जानते मलाल कैसा है
बिन कुछ कहे.. हम कब से तुम्हारी ओर ही देख रहे
हमें तवज्जो देते तो जानते आंखों में सवाल कैसा है
मेरी चुप्पियों को जो तुमने मेरी खैरियत समझ ली है
तेरे लिए खुद को ख़ास समझने का ये ख़याल कैसा है
हम जरूरी हैं तेरी जिंदगी में बेवजह ही ये मानने लगे
मानने और होने के बीच में होने वाला ये बवाल कैसा है
दूरी इस कदर बढ़ा ली तुमने कि अब बस यादें शेष हैं
जी रहे हम आज भी जिस ख़ुमार में वो जाल कैसा है
दिल आज भी तुम्हारी राह तक रहा कि तुम आओगे
भरम में रख बरगलाने वाला.. ये झूठा दलाल कैसा है
~ जया सिंह ~
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