जिंदगी की जद्दोजहद
जिंदगी की जद्दोजहद : ****************
जिंदगी की जद्दोजहद में जब भी
कभी खुद को अकेला पाओगे
तो सोचना कि तुम चांद हो जो स्याह
रस्तों को अपने बूते चमकाओगे
जब राहों में कदम कदम पर कांटे हो
मुश्किलों ने सफर में दर्द बांटें हो
तब मंजिल तक पहुंचने को दीवार पर
चढ़ती गिरती चींटी बन दिखाओगे
जब हताशा उम्मीदों को तोड़ रही हो
विश्वास की धुरी डोल रही हो, तब
शिकवे शिकायतों से परे होकर जिंदगी
को अपनी मर्ज़ी पर चलाओगे
वक्त की एक बात हमें रास नहीं आती
कि शालीनता इसे नहीं भाती
हर वक्त लिहाज़ और फिक्र में जिये अब
मिज़ाज को थोड़ा धारदार बनाओगे
~ जया सिंह ~
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