बाहरी सन्नाटा और अंदर का शोर

बाहरी सन्नाटा और अंदर का शोर :      •••••••••••••••••••••••••••••

यह सोचना शायद थोड़ा अजीब हो सकता है कि जब हम संसार भर के शोर से दूर होते हैं, तो अपने भीतर चल रहे कोलाहल का साक्षात्कार करते हैं, पर कोई नहीं जानता था कि खुद के भीतर का शोर संसार के शोर से कहीं ज्यादा डरावना हो सकता है। अपने अंदर चल रही बहुत सी आवाज़ें जो शरीर या मन से जुड़ी हैं वो बाहरी शोर में दबी रहती हैं। पर वही आवाज़ें गूंजने लगती है जब बाहरी शोर खत्म हो जाता है। 

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में मौजूद माइक्रोसॉफ्ट टॉवर में ऑडियो टेस्टिंग के लिए एक ऐसा चैम्बर बनाया गया है, जिसे विश्व के "Quietest Place On Earth" का खिताब हासिल है। कंक्रीट, स्टील और फाइबर की कई परतों को मिलाकर विशेष तकनीक से तैयार किये गये इस कमरे की ख़ासियत यह है कि यह कमरा -20 डेसिबल तीव्रता तक की ध्वनि को कैंसिल आउट कर देता है, यानी इंसान की श्रव्यक्षमता से भी 400 गुना कम। अर्थात, अगर आपको इस कमरे में बंद कर दिया जाए तो आपको कुछ खास सुनाई नहीं पड़ेगा, सिवाय अपने "अंदर से आ रही आवाजों के"

जी हाँ, इस कमरे में बंद होने के कुछ मिनट बाद ही आप खुद को सुनना शुरू कर देते हैं। अपने दिल की धड़कनें, अपनी धमनियों में बहते रक्त के प्रवाह को, मूवमेंट करने पर कड़कती अपनी हड्डियों की आवाज को, पेट में चल रही आवाजों को। मुंह बंद करके दांत किटकिटाने पर ऐसा लगेगा, मानों कान में कोई चीख रहा हो। मुंह खोलकर कुछ कहेंगे, तो शब्द मुंह से निकलते ही दम तोड़ देंगे। कानों में एक अजीब सी डराने वाली सरसराहट गूंजने लगती है। 

हम इंसान ऐसे वातावरण के आदी नहीं हैं, इसलिए आश्चर्य नहीं कि इस कमरे में प्रवेश करते ही लोगों में गंभीर मनोवैज्ञानिक प्रभाव दिखने लगते हैं। दिमाग मतिभ्रम का शिकार हो जाता है। हैलीसुनेशन होने लगते हैं। दिमाग का बैलेंस सिस्टम हिल जाता है। लोग लड़खड़ाने लगते हैं, खड़े तक नहीं हो पाते। 45 मिनट से ज्यादा इस कमरे में बिताना जानलेवा हो सकता है। इस कमरे में अधिकतम समय बिता पाने का रिकॉर्ड मात्र 4 घंटे का है, जो बकौल रिकॉर्डहोल्डर, एक बुरे स्वप्न की तरह था। 

माइक्रोसॉफ्ट का यह कमरा आम लोगों के लिए नहीं है, क्योंकि इस परिस्थिति का उपयोग सिर्फ प्रयोग के लिए किया जाता है। कई तरह के शारिरिक विकारों के परिणाम देखने के बाद इस कमरे को सिर्फ व्यज्ञानिक प्रयोगों के लिए रख दिया है।  पर इसी साउंडप्रूफिंग तकनीक पर बना इसी तरह का एक और कमरा मिनिसोटा में मौजूद औऱफील्ड लेबोरेट्री में भी है, जो आम लोगों के लिए खुला है। कभी अमेरिका जाएं तो शौक से इस कमरे में होकर आएं। ऊपर बताए गए सभी अनुभव होंगे....!! मुमकिन है बहुत ही भिन्न और रोचक होंगे। 

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