साथ के लिए बढ़ा हाथ
साथ के लिए बढ़ा हाथ :
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जब जब उदासी का गहरा बादल छायेगा
तब तब एक हथेली पर रखी किसी दूसरी
हथेली के होने का मतलब समझ आएगा
जो साथ है वही महत्वपूर्ण हैं ये मान लो
आज खोने के लिए बहुत है हमारे पास
वक़्त गुजरने के साथ वह चला गया तो
उसे कभी नहीं वापस हांसिल कर पायेगा
कुछ तकरीरें नाकाम हो जाती है जब भी
उनको मुनासिब वक्त पर न कहो न सुनो
अकेलेपन के घने कोहरे में चंद बातें और
कंधे पर रखा एक हाथ सम्बल दे जाएगा
~ जया सिंह ~
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