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Epigenetics अर्थात वातावरणीय बदलाव

Epigenetics अर्थात वातावरणीय बदलाव :  ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भाग - 1  ~~~~~~~ हालांकि जो विज्ञान के विद्यार्थी रहे हों वो इसे मेरे बताए लेख से भी बेहतर समझते होंगे। पर हम जैसे आम लोग जिन्होंने विज्ञान नहीं पढ़ा उनके लिए इसे सामान्य तरीके से समझना एक खोज की तरह हैं। ज्ञान चाहे वह कहीं से कैसा भी मिले उपयोगी ही होता है। और उसका एक तिनका भी कभी कहीं काम में आ सकता है।  क्या आपने कभी देखा है कि किसी परिवार में अभिभावकों से विपरीत संतान का जन्म होता है। जैसे कद काठी, आंखों का रंग, त्वचा का रंग या शारिरिक बनावट इत्यादि। हालांकि जेनेटिकली बच्चा 70 से 80 % तक अपने परिवार की छवि के अनुसार ही जन्म लेता है। पर कुछ वातावरणीय और आदतों से सम्बंधित गुणों के कारण जीन्स में जो क्षणिक बदलाव आते है। उन्हें एपीजेंटिक्स epigenetic कहते हैं। तो चलिए आज ह्यूमन जीन्स से सम्बंधित एक ऐसे विषय को समझते हैं। जिसके लिए अमूमन अनुवांशिकता या hereditary कारणों को प्राथमिक माना जाता रहा है। जीन्स हमें विरासत में अपने अभिभावकों और पुश्तों से प्राप्त होते हैं।। कद काठी, शक्ल सूरत, लंबाई, ...

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