जिंदगी पूछती है हमसे

जिंदगी पूछती है हमसे :      

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जिंदगी अक्सर पूछती रहती है हमसे

कुछ और चाहिए तो बता....

हम ने कहा...जो था बस वही लौटा दे

न संघर्ष खत्म हो रहा न ही शिकायतें

जो खत्म हो रही वो उम्र है....

चाहत यही है कि इसे बेहतरी में उलटा दे

गलत रस्ते, ग़लत लोग, गलत निर्णय

जताते हैं क्या सही क्या नहीं है

बस दुरुस्तगी के वास्ते इन्हें भी पलटा दे

बेशक़ सब्र के बाद सब सम्भल जाता है

लेकिन सब्र करने और आ जाने तक

बिखरे हुए इंसान को करीने से सिमटा दे

                                जया सिंह

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