कुछ पंक्तियाँ प्रेम के नाम ……!
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रात जुगनू की चमक में चमका एक चेहरा ,
जब तक पहचाने तब तक हो गया सवेरा।
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मेरी पहचान वही सिमट गयी ,
जब मेरी कल्पनाएं तेरे निकट गयी।
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तुझे छूती हवा मेरे पास आई।
और तेरे न चाहने पर भी उसने ,
मेरी याद में सिहरते तेरे तन की ,
कंपकपाहट , मुझे बताई।
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तू गया तो चले गए सपनों के रंग ,
हम अकेले रह गए अपनी यादों के संग।
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मेरा ख्याल आज तक आया नहीं तुम्हे,
मैंने कभी दिल से भुलाया नहीं तुम्हे।
यादों के जिस्म छिल गए उम्मीद लूट गयी ,
पर जख्म कभी दिल का दिखाया नहीं तुम्हे।
हरदम हुआ अहसास सीने में तुम्ही हो पर ,
आज तक कभी भी सीने से लगाया नहीं तुम्हे।
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रात जुगनू की चमक में चमका एक चेहरा ,
जब तक पहचाने तब तक हो गया सवेरा।
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मेरी पहचान वही सिमट गयी ,
जब मेरी कल्पनाएं तेरे निकट गयी।
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तुझे छूती हवा मेरे पास आई।
और तेरे न चाहने पर भी उसने ,
मेरी याद में सिहरते तेरे तन की ,
कंपकपाहट , मुझे बताई।
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तू गया तो चले गए सपनों के रंग ,
हम अकेले रह गए अपनी यादों के संग।
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मेरा ख्याल आज तक आया नहीं तुम्हे,
मैंने कभी दिल से भुलाया नहीं तुम्हे।
यादों के जिस्म छिल गए उम्मीद लूट गयी ,
पर जख्म कभी दिल का दिखाया नहीं तुम्हे।
हरदम हुआ अहसास सीने में तुम्ही हो पर ,
आज तक कभी भी सीने से लगाया नहीं तुम्हे।
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