कुछ ऐसा करो..........!
*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
वजह की तलाश में बेवजह
यूँ वक्त न गवायाँ करो ,
बेपरवाह बेझिझक हो कर
बस मुस्कुराया करो।
वक्त को कस कर थाम लो
यूँ ही फिसलने से बचाया करो ,
उसकी फितरत को बदल कर
बस खुशनुमा बनाया करो।
जिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा
उसे जीना सिखाया करो ,
हाथ और साथ छूट जाये तो क्या
क्षणिक है बुरा दौर मान जाया करो।
ख्वाहिशें जिंदगी की कम करके
बस थोड़े में सुकून पाया करो,
चादर तो बड़ी न हो सकेगी अब
पैर उतने में ही सिमटाया करो।
हिसाब नफे और नुकसान का
रिश्तों में नहीं लाया करो ,
गणित अपना कर परिवार में
दो और दो चार ना बनाया करो।
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वजह की तलाश में बेवजह
यूँ वक्त न गवायाँ करो ,
बेपरवाह बेझिझक हो कर
बस मुस्कुराया करो।
वक्त को कस कर थाम लो
यूँ ही फिसलने से बचाया करो ,
उसकी फितरत को बदल कर
बस खुशनुमा बनाया करो।
जिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा
उसे जीना सिखाया करो ,
हाथ और साथ छूट जाये तो क्या
क्षणिक है बुरा दौर मान जाया करो।
ख्वाहिशें जिंदगी की कम करके
बस थोड़े में सुकून पाया करो,
चादर तो बड़ी न हो सकेगी अब
पैर उतने में ही सिमटाया करो।
हिसाब नफे और नुकसान का
रिश्तों में नहीं लाया करो ,
गणित अपना कर परिवार में
दो और दो चार ना बनाया करो।
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