अविवेकशील निर्णयों से दूषित जीवन …............. !
कभी कभी जीवन कैसी विचित्र परिस्थितियों से सामना करवा देता है कि उसमें जीना शर्मिंदगी से भरा होता है। फिर भी इंसान जीता है। ऐसा ही एक हादसा हुआ कनाडा की एक युवती के साथ। जब उस बच्ची का जन्म हुआ तभी उसके माता पिता में अलगाव हो गया। और एक समय आया की उसकी माँ ने भी उसे अकेला छोड़ दिया। किसी तरह वह बच्ची खुद को सँभालते सँभालते बड़ी हुई। लेकिन उसने अपने पिता की तलाश जारी रखी। इसी तलाश के दौरान सोशल नेटवर्किंग साईट पर एक पुरुष से उसका परिचय हुआ। धीरे धीरे ये परिचय मित्रता में गया। फिर उन्होंने मिलने का फैसला किया और एक दिन वह दोनों मिले। हालाँकि उस पुरुष की उम्र उससे काफी ज्यादा थी पर आकर्षण के चलते उसने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। और उसने उस पुरुष के साथ सम्बन्ध बना लिए। एक लंंबा अरसा गुजरने के बाद जब उसकी माँ से उसकी मुलाकात हुई तब उसे ये पता चला की जिस पुरुष के साथ वह बाकायदा पत्नी के तौर पर रह रही है वह तो उसका जैविक पिता है। ये जानने के बाद उसे खुद पर शर्मिंदगी होने लगी।
इस घटना से दो तथ्य सामने आते है पहला ये कि माता पिता के अलगाव का परिणाम बच्चे ही भुगतते है। दूसरा ये कि पुरुष के लिए स्त्री सिर्फ एक स्त्री है, माँ बहन बेटी या दोस्त कुछ भी नहीं। ये जरूरी है कि किसी सम्बन्ध को शुरू करने से पहले उसकी जंमीन की मजबूती देख ली जाए। खोखली जमीन पर रिश्ते कभी कभी भी टिक नहीं सकते। चाहे वह पति पत्नी का हो ,या प्रेमी प्रेमिका का या ही बच्चों से माता पिता का। उस युवती की सब से बड़ी गलती ये थी कि उसने सम्बन्ध बनाने से पहले उस पुरुष के बारे में जानना जरूरी नहीं समझा। उसका आगा पीछा कुछ तो जानने का प्रयास किया होता तो ये नौबत नहीं आती। अब वह अपनी माँ और स्वयं खुद की दोषी बन गयी हैं। और ये सत्य उसे अंदर से खाए जा रहा है। अब पछताए क्या होत , जब चिड़िया चुग गयी खेत। अब वह लाख पछता ले पर उसकी गलती उससे कभी भी अलग नहीं हो सकती।
कभी कभी जीवन कैसी विचित्र परिस्थितियों से सामना करवा देता है कि उसमें जीना शर्मिंदगी से भरा होता है। फिर भी इंसान जीता है। ऐसा ही एक हादसा हुआ कनाडा की एक युवती के साथ। जब उस बच्ची का जन्म हुआ तभी उसके माता पिता में अलगाव हो गया। और एक समय आया की उसकी माँ ने भी उसे अकेला छोड़ दिया। किसी तरह वह बच्ची खुद को सँभालते सँभालते बड़ी हुई। लेकिन उसने अपने पिता की तलाश जारी रखी। इसी तलाश के दौरान सोशल नेटवर्किंग साईट पर एक पुरुष से उसका परिचय हुआ। धीरे धीरे ये परिचय मित्रता में गया। फिर उन्होंने मिलने का फैसला किया और एक दिन वह दोनों मिले। हालाँकि उस पुरुष की उम्र उससे काफी ज्यादा थी पर आकर्षण के चलते उसने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। और उसने उस पुरुष के साथ सम्बन्ध बना लिए। एक लंंबा अरसा गुजरने के बाद जब उसकी माँ से उसकी मुलाकात हुई तब उसे ये पता चला की जिस पुरुष के साथ वह बाकायदा पत्नी के तौर पर रह रही है वह तो उसका जैविक पिता है। ये जानने के बाद उसे खुद पर शर्मिंदगी होने लगी।
इस घटना से दो तथ्य सामने आते है पहला ये कि माता पिता के अलगाव का परिणाम बच्चे ही भुगतते है। दूसरा ये कि पुरुष के लिए स्त्री सिर्फ एक स्त्री है, माँ बहन बेटी या दोस्त कुछ भी नहीं। ये जरूरी है कि किसी सम्बन्ध को शुरू करने से पहले उसकी जंमीन की मजबूती देख ली जाए। खोखली जमीन पर रिश्ते कभी कभी भी टिक नहीं सकते। चाहे वह पति पत्नी का हो ,या प्रेमी प्रेमिका का या ही बच्चों से माता पिता का। उस युवती की सब से बड़ी गलती ये थी कि उसने सम्बन्ध बनाने से पहले उस पुरुष के बारे में जानना जरूरी नहीं समझा। उसका आगा पीछा कुछ तो जानने का प्रयास किया होता तो ये नौबत नहीं आती। अब वह अपनी माँ और स्वयं खुद की दोषी बन गयी हैं। और ये सत्य उसे अंदर से खाए जा रहा है। अब पछताए क्या होत , जब चिड़िया चुग गयी खेत। अब वह लाख पछता ले पर उसकी गलती उससे कभी भी अलग नहीं हो सकती।
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