धैर्य और सहनशक्ति खोने का परिणाम............!

आज कल जो सब से दुखद बात देखने में आती है वह है लोगों में सहनशक्ति का ख़त्म होना। यही सब से बड़ा कारण है  कि छोटी छोटी सी बातें जो शायद बिना ध्यान दिए टाली जा सकती हैं वह भी बड़े झगडे फसाद का रूप ले लती हैं। फिर वही सब कुछ सामने आता है जो शायद इंसानियत और मानवता दोनों के खिलाफ हैं। एक किस्से के जरिये इसे जानिये ……।  बिहार के दरभंगा जिले के शिवराम गाँव में कुछ बच्चे साथ मिल कर खेल रहे थे। इसी खेल खेल में दिलशाद ने अपने साथी के सर पर मिटटी डाल दी  और वह रोता हुआ अपनी माँ के पास गया। उसकी माँ को इस कदर गुस्सा आ गया कि वह घर से केरोसिन का डिब्बा ले कर आयी और दिलशाद के सर पर डाल कर उसने आग लगा दी।  वह बच्चा मिनटों में झुलस कर मर गया। इस वाकये से क्या महसूस होता है कि अब धीरज और सहनशक्ति दोनों ही व्यक्तित्व का हिस्सा नहीं रही। एक आदर्श व्यक्तित्व के लिए जो मुख्य तत्व महत्वपूर्ण होते हैं वह है धैर्य , परिश्रमी , शांत , सौम्य  , विवेकशील , आदर्श वक्ता ,  सहनशीलता ,  भावनापूर्ण  आदि। हालांकि ये गुण सभी में एक साथ नहीं हो सकते।  पर इन में से यदि दो चार भी गुण व्यक्तित्व में आ जाये तो व्यक्ति समृद्ध बन जाता है। समृद्ध धन से नहीं  ,बल्कि गुणों से और विचारों से। आखिर क्या हो गया है आज इंसान को ?
           वैसे ये सर्वविदित सत्य है कि बच्चों के झगडे में बड़ों को नहीं पड़ना चाहिए।  क्योंकि बच्चे पल में ही झगड़ा कर के अगले पल फिर एक साथ हो जाते हैं। और बड़े इन मनमुटाओं को दिल पर ले कर हमेशा के लिए अलग हो जातें हैं। इस लिए हमारे बच्चे जब भी कभी किसी ऐसी बात का जिक्र करतें हैं तो हम उन्हें अपनी दोस्ती बचाये रखने के लिए कुछ बातें भूलने की सलाह दते हैं। मेरी छोटी बेटी जब भी कभी अपने किसी मित्र के बारे में अपशब्द बोलती है तब तब मैंने उसको ये याद दिलाया है कि उस की मित्र ने कब कब उसका साथ दिया है। ऐसे में उसका गुस्सा ठंडा हो जाता है और अगले ही दिन वह फिर से उसी दोस्त को साथ मिला लेती है। यही जीवन है।  न की ये , कि बच्चों की लड़ाई में इस तरह की जघन्य हरकत।  आखिर इस माँ को इतना गुस्सा आया क्यों ? अगर सर पर खेल खेल में मिटटी डाल भी दी गयी थी तो ये कोई दुर्घटना तो नहीं थी जिस का उपचार कराना पड़े। बच्चा नहा लेता साफ़ हो जाता।  किस्सा ख़त्म।  पर इस कदम से उस महिला का परिवार उस के बिना अनाथ हो गया। क्योंकि उसे जेल हो गयी।दूसरे परिवार का बच्चा खत्म हो गया। साथ ही अब माओं ने बच्चों को सामान्य रूप से खेलने पर पाबन्दी लगा दी। इस घटना का ये असर सामाजिक रूप से ज्यादा त्रासदीपूर्ण बन गया। इस लिए एक बार फिर से सोचने की जरूरत है , अपने व्यव्हार का संपूर्ण आंकलन करना। 

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