न्यायसंगत इलाज …………… !
मैं ये चाहती हूँ कि आप सभी ये वीडियो देखें और महसूस करें कि इस तरह के उपायों का मैं पहले ही जिक्र कर चुकी हूँ। सही है यही होना भी चाहिए। जिस चीज पर एक पुरुष सबसे ज्यादा गर्व कर के उससे जिंदगियाँ बर्बाद करने का दम भरता है वही उस से छीन लेनी चाहिए। अपने आप सारी हेकड़ी निकल जायेगी। तब उस औरत को नहीं जिस के साथ ये अन्याय हुआ बल्कि उस पुरुष को समाज से छुप छुप कर जीना होगा। यही सही न्याय है। पर इसे हमारा कानून मान्य तो करें। इस को देखने पर पहले तो बुरा लगा कि गलत काम करने वाला भी किस दम्भ से अपनी गलती का बखान कर रहा है। ये मान कर चल रहा है कि ये उसके नैसर्गिक हक़ है कि वह पुरुष होने के नाते स्त्री का प्रयोग करें। किस बेशर्मी से वह अपने किये को उसने मजे का नाम दे दिया। एक छोटी स्कूली बच्ची के लिए इतने गंदे इरादे रखने वाला और गलत करने वाला खुद को कैसे justify कर रहा है।
मैंने पहले भी इस घटना से जुडी एक मूवी का जिक्र किया था , जख्मी औरत। जिस में इस तरह की सताई औरतें एक group बनती हैं और इस में शामिल एक डॉक्टर की मदद से वह सभी बलात्कारी पुरुषों को इसी तरह का न्याय देती हैं। इस में कुछ औरतें बाकायदा लोगों के बीच जाकर ऐसे गन्दी नीयत रखने वाले पुरुषों को तलाशती हैं। और फिर उन्हें फंसा कर अपने गंतव्य तक लती है और उनका काम तमाम कर देती हैं। बहुत खूब ………… जैसे को तैसा। क्या कानून को उस औरत की बेबसी नजर नहीं आती या वह भी ये मानता है कि पुरुष की ये गलती उसके जीवन से बड़ी नहीं है। अर्थात वह जीता रहेगा खुद को बिना दोषी माने। और पीड़ित समाज के डर से घुट घुट कर जीएगी। जो औरत एक मर्द को जन्म दे सकती है वही उसकी शिकार बनती रहे यही होते रहना अब सब को गवारा होने लगा है। क्योंकि हर किसी का मानना है कि पराई आग में क्यों कूदा जाए। अरबों की आबादी में अगर हजार दो हजार औरतों या बच्चियों का बलात्कार हो भी गया तो अपना क्या जाता है ? फिर जिनका हुआ वह अपनी क्या लगती हैं जिन के लिए सामाजिक झंडा उठाया जाए ? यही सोच हम सब पर भारी पड़ रही है क्योंकि बेटियों को आगे निकालने की चाह में हम भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रहें हैं। और बाहर कैसे लोग है हम बखूबी जानते हैं।
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