शिक्षा के बहाने भद्दी आधुनिकता की सीख ………!
किसी भी चीज की अति बेहद बुरी होती है ये सभी जानते हैं।  खाना तभी स्वादिष्ट बनता है जब सभी चीजें एक अनुमानित मात्रा में डाली जाएँ। आज युवा वर्ग इस अति की वजह से गर्त में जा रहा है और हम अभिभावक लाख चाह कर भी नहीं रोक पा रहें क्योंकी हम कोशिश करके परिवार के माहौल में बदलाव ला सकते है पर बाहर की विसंगतियों को कैसे बदलें ? इस का हालिया उदाहरण प्रस्तुत है , हालांकि हमारे जोधपुर को एशिया  के largest village  के उपनाम से नवाजा गया पर आज जोधपुर modernity के उस मुहाने पर आ खड़ा हुआ है।  जहाँ आधुनिक होने की आड़ में हर असंभव कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जिस का खमियाजा सीधा साधा जीवन जीने वाली जनता भुगत रही है। हाल ही में एक विद्यालय की farewell पार्टी में beach theme organize किया गया। और इस थीम को ज्वलंत रूप में साकार करने के लिए  पहले तो beach का नजारा पैदा किया गया।  जिस में पेड़ पौधों और साज सज्जा से गोवा के beach का  आभास कराया गया। साथ ही शराब की खाली बोतलें मंगवा कर उसमें कोल्ड ड्रिंक्स डाला गया। मॉकटेल और आइसक्रीम से सजे स्टाल पर शराब की बोतलें सजायीं  गयी। जिसे इस तरह पीना था जैसे शराब पी जा रही हो।  इस theme party के लिए विद्यालय प्रशासन ने खुद ही सारे इंतजाम किये और टीचर्स के माध्यम से इसे संभव बनाया। इस घटना के बाद जब किसी छात्रा द्वारा फेसबुक पर photos डाल देने पर सबका ध्यान गया तब इस के लिए आपत्ति उठनी शुरू हुई। अभिभावकों ने विद्यालय के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन इसे भी सिर्फ एक act कह कर इतिश्री  पूरा कर लेने वाला विद्यालय को ये जवाब भी देना ही पड़ेगा कि आखिर किस हद तक modern बनाना चाहता है वह अपने छात्र छात्राओं को। क्या हमारे संस्कारों में यही है की बालपन से ही इस तरह के नशे के प्रति बच्चे को आसक्त बना दिया जाए ? मैंने पहले भी इस बारे में उल्लेख किया है  आज का युवा लगातार गर्त में जा रहा है।  कारण है खुद को भिन्न और सबसे अलग दिखाने की चाह।  इस के लिए वह हर वो चीज आजमाना चाहता है जो उसे नयापन दे सकती है। सही या गलत की तो परवाह ही करना छोड़ दिया है।  लेकिन इस घटना में दोषी स्कूल प्रशासन है जिसने इस सोच को जन्म दिया और उसे क्रियान्वित करने से पहले बच्चों के अभिभावकों को नहीं सूचित किया। अगर theme party ही organize करना लक्ष्य था तो उसके लिए एक अच्छी सोच के साथ कोई सार्थक theme चुनी जा सकती थी जैसे color theme, historic theme , dress code , fairy tale stories theme, fancy dress theme , या फिर teacher student theme . ऐसे कई ideas  जो implement किये जा सकते थे।  पर शायद ये सभी old fashioned  लोगों के लिए हैं। ये स्कूल हमारे बच्चों को modern बना रहें हैं। और उस के लिए उन्हें अभिभावकों से भी पूछने की जरूरत नहीं है। घर के बाद किसी छात्र छात्रा के ऊपर सबसे ज्यादा प्रभाव  स्कूल का ही पड़ता है। और स्कूल का बेहतर माहौल उसे भविष्य के लिए मजबूती से तैयार करता है। इस लिए जरूरी है की हम अभिभावक अपने बच्चों की बेहतरी के लिए लगातार स्कूल के संपर्क में रहें और उनकी कार्यशैली को परखते रहें।     

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