मुस्कुराहट से भरी सुबह
मुस्कुराहट भरी सुबह : ••••••••••••••••••••••
सुबह सुबह नींद खुलने के समय हम सभी ये अपेक्षा करते हैं कि आज का दिन हमारा बेहद अच्छा गुजरे। हम खुश रहें। स्वस्थ रहें और जिससे भी मुलाकात हो वह हमसे मिलकर प्रसन्न होए, हम उससे मिलकर। ऐसे ही दिन की उम्मीद के साथ हम सुबह का आगाज़ करते हैं। कारण है भारत अध्यात्म पर विश्वास करने वाला देश है। शान्त रहना, अनुशासित रहना, संयमित रहना आदि नियमों ने हमें सशक्त बनाया है। ये सशक्तता झलकती है मुस्कुराहट से। विपरीत परिस्थितियों में भी अगर धैर्यपूर्ण मुस्कुराहट चेहरे पर विद्यमान रहती है तो अर्थ है कि मन अंदर से शांत है। भले ही बाहर कितनी भी प्रतिकूल परिस्थिति हों। पर उससे विचलित ना होने की दृढ़ता हमारे अंदर है।
अब इसके लिए हमें क्या करना चाहिए......सबसे पहले सुबह आंख खुलते ही बिस्तर पर बैठे ही बैठे आंखें बन्द करके अपना मुस्कुराता हुआ खुशी से भरपूर चेहरा देखें। चिंतारहित और किसी भी परेशानी से परे खुद को प्रफुल्लित महसूस होता हुआ देखें। क्योंकि हम जैसा महसूस करेंगे वैसे ही हम हो जाएंगे। वो एक प्रचलित दोहा है कि
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान । रसरी आवत जात ते सिल पर पड़त निसान ।।
अर्थात निरंतर अभ्यास करते रहने से ये हमारा स्वाभाव बन जायेगा। जिस तरह हम सुबह को ये महसूस करते हुए जागें उसी तरह रात को सोते हुए भी एक बेहतरीन सुबह की उम्मीद लेकर सोएं। ये सत्य है कि प्रत्येक दिन हमारी उम्मीद के अनुसार अच्छा होए ये जरूरी नहीं।पर जब अंदर से अच्छा होने की जिद बनी रहती है तो अनपेक्षित में भी कुछ अच्छा ढूंढ लेने का हौसला रहता है।
ये तो हम सभी ने महसूस किया ही होगा। कि जब हमारा मूड अच्छा नहीं होता तो आसपास हो रही चीजें अगर अच्छी भी होती है तो भी हम उसमें खुशी नहीं ढूंढ पाते। लेकिन इसके विपरीत अगर हम खुश महसूस करेंगे तो कोई अनपेक्षित चीज़ भी हमें उतना hurt नहीं कर पायेगी। जितना कि वो करना चाहती होगी।
बस यही तो एक जरिया है कि रात को सोते समय और सुबह जगते समय हमेशा खुद को खुश और मुस्कुराहट से भरा हुआ महसूस करो। फिर देखो...दिन कैसे गुजरता है 😊😊
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