ईश्वर पर विश्वास 🙏
ईश्वर पर विश्वास : 🙏 ••••••••••••••••••
पत्नी सुशीला जोर से चिल्लाई- हर समय माला लेकर बैठे रहते हो....कुछ पैसे धेले का इंतजाम करो बेटी के लिए वर नहीं देखना क्या ? रोज की तरह सुबह से ही सुशीला ने अपने पति को सुनाना शुरु कर दिया।
चौबे जी ने अपना गमछा संभालते हुए बड़ी शांति से कहा ईश्वर पर विश्वास रखो , समय पर सब हो जाएगा। चौबे जी कभी गुस्सा नहीं होते । वो तो बस पूरा दिन बस लड्डू गोपाल के बारे में ही सोचते रहते हैं ।
सुशीला फिर चिल्लाई - ईश्वर तो जैसे घर बैठे ही लड़का भेज देंगे। उनके पास तो कोई और काम है नहीं सिर्फ आपका ध्यान रखने के अलावा।
चौबे जी धैर्यपूर्वक बोले - अरे क्यों पूरा दिन चकचक करती रहती हो कहा ना समय पर सब हो जाएगा।
सुशील फिर बोली - रिश्तेदारी में एक लड़का है । देख सकते हैं पर उसके लिए जेब में पैसे होने चाहिए। जो दो चार रुपए कमाते हो उसमें से अपने दोस्तों को उधार दे देते हो । आज तक लौटाए हैं कभी किसी ने ? ?
चौबे जी फिर शान्त होकर बोले - आज तक किसी चीज की कोई कमी हुई है । आगे भी नहीं होगी ईश्वर की कृपा से । अब मुझे तनिक देर भजन कर लेने दो।
सुशील लगभग गुस्से में बोली - भजन ही करना था तो शादी क्यों की ? जिम्मेदारियों से नाता क्यों जोड़ा ? लो ये थैला पकड़ो और जाओ सब्जी ले आओ ।और हां , जिस लडके के बारे में मैंने बात की है ।उसके बारे में जरा सोचना। जो यार दोस्तों को उधार दे रखे हैं उनसे वापस मांग लो।
चौबे जी थैला लेकर निकल तो गए लेकिन विचार मन में यही कौंध रहा कि पैसों का इंतजाम कैसे होगा ? सब्जी लेने से पहले जरा अपने दोस्त से अपने पैसों की बात कर ली जाए ।
राकेश ने जैसे ही अपने मित्र चौबे जी को देखा तो गले लगा लिया - चौबे जी कहिए कैसे आना हुआ ?
चौबे जी बोले - कुछ ना भैया कुछ समस्या आन पड़ी है । पैसो की सख्त जरुरत है ?
दोस्त बोला कि तनिक प्रतीक्षा करो मैं अपने मालिक से बात करके एक दो दिन में बताता हूँ। और बताओ बिटिया कैसी है ? कैसा चल रहा है उसका योगा क्लास ? ?
चौबे जी ने बड़े गर्व से कहा - बढ़िया चल रहा है सुबह 5:00 बजे जाती है ,पूरा 5000 कमाती है । सर्वगुण संपन्न है हमारी लाली।
दोस्त की दुकान से बाहर निकले ही थे , एक जगह नज़र टिक गई। इतनी सुंदर मूर्ति लड्डू गोपाल की । चौबे जी अपलक देख रहे थे जैसे अभी बात करने लगेगी। तभी राकेश ने उन्हें मूर्ति देखते हुए बताया कि ये "मेरे मालिक ने आर्डर पर ऐसी तीन मूर्तियां बाहर से बनवा मंगवाई है।
चौबे जी रास्ते भर मूर्ति की छवि को नजरों से ओझल नहीं कर पत्त् रहे थे । काश वो मूर्ति मेरे पास होती । तो उसे कैसे निहलाते , क्या क्या खिलाते ,घर कब आया पता ही नहीं चला ।
लेकिन घर के सामने इतनी भीड़ क्यों है ? एक महंगी गाड़ी दरवाजे पर खड़ी थी । अपने घर के दरवाजे में घुसने ही वाले थे कि थैला हाथ से छीनकर सुशील ने मुस्कुराकर उनका स्वागत किया ।
चौबे जी ने पूछा - कौन आया है ? अंदर सूट बूट में एक आदमी बैठे हुए थे । चौबे जी को देखते ही वो हाथ जोड़कर खड़ा हो गया ।
राधे राधे चौबे जी ने कहा , बैठिए ... क्षमा कीजिए । मैंने आपको पहचाना नहीं ।
वह सज्जन बड़ी शालीनता से बोले - अरे आप कैसे पहचानेंगे ? हम पहली बार मिल रहे हैं ।
चौबे जी ने कहा- कहिए , मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं ?
वह सज्जन बोले - दरअसल मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं ।
चौबे जी सोच में पडे थे जाने क्या मांग ले ? इतने बड़े आदमी को मुझसे क्या चाहिए ? उन्होंने कहा - कृपया सीधा सीधा बताइए।
वह सज्जन बोलने लगे - आज से चार दिन पहले मैं मॉर्निंग वॉक के लिए गया था । लेकिन उस दिन मेरे साथ एक दुर्घटना हुई । मुझे हार्टअटैक आ गया । आसपास कोई नहीं था मदद के लिए । ना मैं कुछ बोल पा रहा था । तभी एक लड़की स्कूटी पर आती दिखी । मुझे सडक पर पड़े हुए देखकर उसने अपनी स्कूटी रोकी । अकेली वो मुझे उठा नहीं सकती थी । फिर अपनी स्कूटी से दूर की दुकान पर जाकर एक आदमी को बुलाकर लाई । उसकी मदद से उसने मुझे अपनी स्कूटी पर बिठाया और मुझे हॉस्पिटल लेकर गई । अगर थोड़ी सी भी देर हो जाती शायद मेरा अन्त निश्चित था । वो लड़की कोई और नहीं , आपकी बेटी थी ।
उस आदमी ने हाथ जोड़ते हुए कहा , अगर आप लायक समझे , तो मैं अपने बेटे के लिए आपकी बेटी का हाथ मांगता हूं । जो लड़की अनजान की मदद कर सकती है । वो अपने परिवार का कितना ध्यान रखेगी । बस यही सोच कर आपकी बेटी मांग रहा हूँ"। इतना कह कर उन्होंने अपना बैग खोला और वही लड्डू गोपाल की मूर्ति बेटी के लिए बतौर आशीर्वाद चौबे जी के सामने रख दी।
चौबे जी एक दम जड़ हो गए । विश्वास नहीं कर पा रहे थे क्या यह सच में ये हो रहा है। ये वही मूर्ति थी , जिसे अभी शोरूम में देखकर आए थे । जो आंखो के सामने से ओझल नहीं हो रही थी । जिसे देखते ही मन में ये ख्याल आया था कि काश मेरे मंदिर में होती । ऊपरवाले ने प्रमाणित कर दिया की मुझे उसका जितना ख्याल है उसे मेरा मुझसे ज्यादा है ।
◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆
Comments
Post a Comment