इतिहास गढ़ने और समझने की जरूरत
इतिहास गढ़ने और समझने की जरूरत : ••••••••••••••••••••••••••••••••••••
"कंधे से ऊपर एक सिर होता है। "
वजन कोई 3 से 5 किलोग्राम। नीचे धड़, शरीर का 90 % हिस्सा है। लेकिन मजे की बात, ली गयी ऑक्सीजन का 50 % अकेले सिर इस्तेमाल करता है।
ये एक मिस्ट्री है। असम्भव चीज, ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत के खिलाफ। और यह मनुष्य को प्रकृति का गिफ्ट है।
क्योकि इवोल्यूशन का नियम है- ऊर्जा बर्बाद करने वाले अंगों को छोटा रखो। ताकि energy कम waste होए। लेकिन मानव में उलट हुआ। Homoerectus से homosapien तक, खोपड़ी बढ़ती गयी। बढ़ती खोपड़ी ने सोचने विचारने की क्षमता दी। कमजोर होने के बावजूद, दिमागी ताकत से, हम दुनिया के मास्टर species बने।
क्योकि हमने सहकार विकसित किया। मनुष्य मिलजुलकर मैमथ को मार लेता। खड्डे खोद, शेर-चीते फंसा लेता। हथियार बनाया, बांस के भाले से एटम बम तक बनाने का प्रयास किया।
सहकार सम्प्रेषण ( communication) से उपजता है। ज्ञान, विज्ञान, फिलॉसफी, तर्क, कानून, फार्मूले, तकनीक, सब किसी एक दिमाग में उपजता है। और Communication के जरिये से औरो तक पहुँचता है। इनके साथ ही अंधविश्वास, अफवाह, प्रोपगंडा, शहद या जहर भी समाज में ऐसे ही फैलते हैं।
समाज इसके पक्ष और विपक्ष में विचार कर सकता है। फिर कोई consensus बनाता है। तदुपरांत उस सामुदायिक निर्णय से घटनाएं घटती हैं। जिनका असर सर्वव्यापी होता है। जिससे इतिहास की धारा बनती है।
तो इतिहास वह नहीं जो जैसा हम सोच रहे । इतिहास तो विचारों के निर्माण, communication, consensus और action के परिणामो से बनी चिरन्तन प्रोसेस है
वह मनुष्य के निजी और सामुदायिक निर्णयो से हुए बदलाव का अध्ययन है। इस अनुशीलन से अपनी विचार प्रक्रिया मांजकर, मौजूदा हालात में बेहतर चयन करने के योग्य नहीं बनते, तो ऐसा इतिहास पढ़ने का क्या औचित्य है बस रिपीट होते रहते। पर हर दौर में अलग विकल्प लिया गया। तो अलग नतीजे आये।
बूढ़े, कामी, आसक्त पिता के वचन के लिए राम वन को न जाते, तो क्या होता? दुर्योधन ने 5 गांव दे दिए होते, तो क्या होता? हिटलर ने रूसी मोर्चा न खोला होता, तो क्या होता?
वही होता, जो ऐसे ही निर्णयो में दूसरा विकल्प चुनने वाले करोड़ो मामलों में हुआ। याने वे याद रखने लायक बात न होती। इतिहास में उल्लेख न मिलता। दरअसल आप रियलाइज ही नही करते, कि जिस दौर में कुछ याद रखने लायक न हो। उसे याद क्यों रखा जाए।
इस लेख को दो भागों में प्रस्तुत किया है। अगला अंक अगले भाग में .....➡️➡️➡️➡️➡️➡️➡️
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