कुछ गलती की माफ़ी
कुछ गलती की माफ़ी
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कुछ गलतियों की माफ़ीयां
न चाहते भी ख़ामोशी से देनी पड़ती है
रिश्ते संभालने की कोशिश में
अंतर्मन को यह पीड़ा लेनी पड़ती है
फ़िर ये मामला सौंप दिया जाए
ईश्वर को कि वो ही अब न्याय करेगा
उसकी दुरुस्ती के प्रयास में
फ़िर बिना आवाज़ हथौड़ी छेनी पड़ती है
हमने जो चुप रहकर सहा है
उसकी भरपाई अब ऊपरवाला करेगा
लेकिन तब तक धीर होकर
उसपर विश्वास कर बैचेनी सहनी पड़ती है।
~ जया सिंह ~
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