नव वर्ष विशेष
सकारात्मक पहल से जागती उम्मीदें …………!
आज नए वर्ष के प्रारम्भ को एक सप्ताह पूरे हो गए। और सब एक बार फिर से अपनी जिंदगी के ताम- झाम में रच बस गये होंगे। एक बार फिर से वही दिनचर्या, वही सब कार्य और वही सब लोग ……फिर नया क्या है ? नया है, आप का एक नए सिरे से खुद को बदलने का वादा। जो आप ने इस वर्ष के resolution में लिया है। थोड़ा सा भी बदलाव कैसे एक बड़ी सार्थकता को जन्म देता है ये पहल करने के बाद ही समझ आएगा। इस लिए पीछे मत हटिये और 100 में से 1 % ही सही नए के लिए बदलाव की पहल करें। ये सोचिये कि "कुछ भी अच्छा नहीं" चिल्लाते रहने से क्या सब कुछ अच्छा हो जायेगा ? नहीं न और ये भी सही नहीं कि हर कोई एक दूसरे के भरोसे बैठा रहे कि वह ही आगे आये। हम आगे आएंगे तो शायद हमें देख कर कुछ और आगे आएं। 
                     समाज में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति का ये फर्ज बनता है कि वह अपने योगदान के प्रति सतर्क रहें।  हमेशा सकारात्मक योगदान की कोशिश एक बेहतर समाज की नीवं डालती है।  नकारात्मक व्यक्तियों के प्रति कड़ा रुख अपनाना और उनका विरोध भी एक तरह की सार्थक पहल है। ये सोच कर आगे कदम बढाइये कि आज हम अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए समाज को एक नव स्वरूप देने जा रहें हैं।

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