घृणा योग्य मानसिकता : 😣


घृणा योग्य मानसिकता ………!
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देख तेरे निर्माण की हालत 
क्या हो गयी भगवान, 
कितना बदल गया इंसान ,
कितना बिगड़ गया इंसान। 
छोड़ के सारी लोक-लाज, 
बन गया आज शैतान 
कितना बिगड़ गया इंसान...।  
तू भी होगा शर्मिंदा अब, 
बस पछतावा है तेरे नाम ,
क्यों करें भला हम ऐसे काम ,
कितना बिगड़ गया इंसान।  

ये पक्तियां इस घटना को चरितार्थ करती है की आज व्यक्ति को देख कर ईश्वर भी तहे दिल से शर्मिंदगी महसूस करता होगा।  उसने ऐसे तो लोग कत्तई नहीं बनाये थे जो इंसानियत से पर ऐसे भयावह कार्य करते है जिन्हे सुन कर ही आत्मा दहल जाती है पता नहीं उन्होंने किया कैसे होगा। नागौर जिले की एक ढाई वर्ष की बच्ची पिछले पांच महीने से अपने साथ हुए बलात्कार का दंश झेल रही है और मृत्यु की उम्मीद लगाये बैठे उसे परिजन उसे ले कर इधर उधर भटक रहें हैं। उसकी आज जो स्थिति है उसमे उसका मर जाना ही बेहतर होगा। दुष्कर्म की शिकार बच्ची के आंतरिक अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। आहार नाल और गुदा (मल ) द्वार दोनों ही संक्रमण के कारण बंद हो चुके है। इस लिए फ़िलहाल स्थानीय डॉक्टरों ने उसकी बड़ी आंत को  शरीर से बाहर लटका कर  मल निकले का रास्ता बनाया हैं।  जिस की वजह से उसकी पेट की चमड़ी भी सड़ रही है। ऐसी स्थिति में क्या आप को लगता है कि वह कभी एक सामान्य जीवन जी पायेगी ? एक छोटी सी मासूम बच्ची जिसे खिलोने में ही अपना सारा संसार नजर आता हैं वह क्या समझ पाई होगी की उसके साथ क्या किया जा रहा हैं ? और सब से बड़ी बात ये की करने वाला का वहशीपन तो देखें उसे उस बच्ची के शरीर का छोटापन भी नजर नहीं आया। क्षणिक मनमर्जी के लिए उसने एक पूरा जीवन खत्म कर दिया। घिन आती है ऐसे लोगों के बारे में सोच कर………… स्त्री  का जन्म लेना वाकई अपराध है क्योंकि नोचने के लिए पुरुष जो बैठा हैं। वह चाहे किसी भी रूप में मिले पर आस पास हर जगह अपनी मौजूदगी दिखा कर हमेशा दहशत में जीने के लिए मजबूर कर देना इस की आदत बन गयी हैं। चाहे वह उबर में बैठी युवती हो या बस में बैठी निर्भया ,गली में चौकट खेलती बच्ची हो या  रिश्तेदारी की भेट चढ़ गयी लड़की , हर जगह बस एक ही  घटना मुहं बाए खड़ी रहती है एक स्त्री को कमजोर साबित करने के लिए..........   

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