नव वर्ष विशेष 
 प्राथमिकता के प्रतिशत का आंकलन………!

नव वर्ष के उपलक्ष्य में कोई एक ऐसा resolution बताएं ? जिस पर कायम रहने का इस साल आपका खुद से वादा है। पिछले साल की गलतियों से सबक ले कर इस वर्ष कुछ न कुछ ऐसा जरूर सोचा होगा जो की नए वर्ष में स्थितियां बेहतर करने में मददगार साबित हो। मैंने भी कुछ सोचा है वह ये की इस वर्ष मैं अपनी इच्छाओं की प्राथमिकताओं का आंकलन करने के बाद ही खर्च करूंगी। जिस से अनावश्यक खर्च पर लगाम कसी जा सके। सामान्यतः हम जब भी बाजार जाते है जो भी अच्छा या भिन्न नजर आता है खरीद लेते है बशर्ते वह चीज हमारे पास बहुतायत में हो। दूसरों से अलग रहने और दिखने की चाह अनावश्यक खर्च करवा देती हैं। और इस का दूसरा side effect ये होता है कि हम अपने घर में फालतू का सामान इकठ्ठा करने लगते हैं। आज जिंदगी का एक महत्वपर्ण मुद्दा है धन और इसे बेवजह इधर उधर बेफालतू  की वस्तुओं पर व्यय कर देना कहाँ की समझदारी है। इस के लिए समझदारी से निर्णय लेने और चुनाव की आवश्यकता है। 
                   इस के लिए एक छोटा सा फार्मूला अपना कर  देखें.......... बाजार में जिस भी वस्तु पर आपका दिल आ गया हो उसे सिर्फ उस दिन के लिए छोड़ कर घर वापस आ जाये।  वापस आ कर उस की आवश्यकता के प्रतिशत का आंकलन करें। साथ ही यह भी देखें कि वह वस्तु या उस से मिलती जुलती वस्तु आप के पास पहले से मौजूद तो नहीं हैं। यदि है तो पहले पुरानी dispose -off  करने के बाद नए का विचार बनाये। आप यह पाएंगे कि बाजार से आने के बाद और उस वस्तु के आँख के सामने से हटने के बाद आप को यह अहसास होगा की उसे खरीदना इतना भी आवश्यक नहीं था जिस के लिए आप का दिल मचल रहा था और तब आप को अपनी बचत पर गर्व होगा। इस का दूसरा पहलु ये है की घर आ कर भी आप को उस वस्तु की आवश्यकता का अहसास हो रहा हो तो बशर्ते अगले दिन जा कर उसे ले आये।  इस में भी ये संतोष बना रहेगा कि पहले आप ने  उस की आवश्यकता पर research किया उस के बाद उसे खरीदा। इत्तेफ़ाकन यदि वह वस्तु बिक भी जाये या हाथ से निकल जाए तो ये अच्छा सोचते हुए ये मान लें कि उससे बेहतर कोई और वस्तु आप का इन्तजार कर रही हैं।  ये कुछ छोटे छोटे से positive  उपाय है जो आप की जरूरतों की प्राथमिकता तय कर सकते हैं और साथ ही खर्च पर भी लगाम लगा सकते हैं।   
         

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