Measure the calculated risk ………!

नए वर्ष में आगे बढ़ने  की चाहत सभी को है और इस के लिए सभी दिलों जान से प्रयास भी करेंगे। हम सभी एक दूसरे के लिए ये प्रार्थना करें की सभी की wishes पूरी हों और नया वर्ष बहुत ही अच्छा हो। पर एक बात जो ध्यान रखने वाली है वह है किसी भी नए कार्य में हाथ डालने में लगने वाला डर  …। ये मानवीय स्वाभाव है की कोई नया कार्य करने से पहले कई बार सोचना और उसके परिणाम का अंदाजा लगाना। जिस से किये जाने कार्य में होने वाला risk factor पता चल जाता है। इस में एक बेहतर तरीका ये है कि किसी भी कार्य को करने से पहले के calculation में उसके रिस्क का percentage पहले ज्ञात करने की कोशिश करें। इसे calculated risk  कहा जायेगा। जिस से आप पहले से ही किसी भी कार्य के प्रति उतने ही आशावान रहेंगे जितने की आप ने उम्मीद लगाई है। और फिर एक लाभ ये भी होगा की यदि आप को किसी कारणवश हानि का भी सामना करना पड़े तो अप्रत्याशित झटका न लगे। इसे इस एक उदाहरण से समझें....  यदि कोई सदस्य बीमार हो और उसके ठीक होने की सम्भावना कम हो तो डॉक्टर अपने प्रयासों के उपरांत भी उसके संपूर्ण रूप से भले चंगे  हो जाने की हामी कभी नहीं देते। जिस से आप मानसिक रूप से तैयार रहें कि उस सदस्य के साथ कभी भी कुछ भी अनहोनी हो सकती हैं। इसी तरह व्यापार या कार्य में भी होता है। इस से एक फायदा ये भी होगा कि यदि आप के calculation में कोई भी कार्य ज्यादा risky है तो आप उसे नहीं करेंगे। जिस से आप भविष्य में होने वाले नुकसान को टाल सकते हैं। अनजाने में किसी भी कार्य में हाथ डालना ठीक नहीं होता। वैसे ये भी एक सत्य है की परिणाम में समय और परिस्थिति की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है पर इन दोनों को अपने पक्ष में करने से सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है। और आप का calculation करीब करीब सटीक बैठ जाता हैं। इस लिए किसी भी कार्य के पहले उसके calculated  risk को measure  करें और फिर उसी अनुसार आगे बढ़तें जाए। वर्ष सफल होगा ……। 

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