अलविदा : एक नया आरम्भ

अलविदा : एक नया आरम्भ           ~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~

जब भी हम किसी से दूर हो जाते हैं या कोई हमें छोड़ कर चला जाता है। तो हम दुःखी होकर उसे संबंधों का अंत मान लेते हैं। जिंदगी में एक खालीपन और अधूरेपन के साथ समय कटने लगता है। जैसे लगता है कि सब कुछ छिन गया है। हम खाली से रह गए हैं। वो विश्वास, वो जुड़ाव जिसे हमने जतन से संजोया था। खत्म हो गया। पर अगर इसे समझने का प्रयास किया जाए तो ये अलविदा सिर्फ बिछोह नहीं जीवन का एक मोड़ है। जिससे जिंदगी एक नई राह पर चलना शुरू करती हैं। कभी कभी हम सब ने अपने जीवन में ये महसूस किया होगा कि रिश्तों की टूटन के बाद हम दोगुने जोश से कुछ बेहतर करने के लिए उत्साहित हुए हैं। बस यही वो नया मोड़ होता है जो नए आयाम देता है।

1.टूटना भी मजबूत बनाता है : अक्सर हम अपने रिश्ते पर इतने निर्भर हो जाते हैं कि हम कमजोर से बन जाते हैं। उदाहरण के लिए समझा जाये कि जब तक जीवन में पति पत्नी का साथ होता है। एक दूसरे पर निर्भरता बनी रहती है। पर जब कोई एक नहीं रहता तो दूसरा अकेले मुश्किलों का सामना करते हुए जीना सीख जाता है।।

2.आत्मसम्मान की ओर नया कदम : कोई भी रिश्ता अगर बार बार झुकने टूटने के लिए बाध्य करता है। तो यह लम्बे समय तक स्थायी नहीं रह सकता। इसलिए उस परिस्थिति में अगर कोई अलग होता है तो ये आत्मसम्मान के लिए अच्छी बात है। 

3.खुद को थामने की कला सीखना : जब तक निर्भरता रहती है तब तक खुद को मजबूत नहीं बनाया जा सकता। जब ये अहसास हो जाये कि हमें खुद को अकेले ही संभालना है तो अपने आप इतनी हिम्मत आ जाती है कि हर परिस्थिति में खुद को स्थापित कर सके।

4.नई कहानी की शुरुआत : किसी का साथ अगर वही पुरानी जिंदगी और ढर्रे पर चलने के लिए नियत कर रहा हो। तो ये बाध्यता तब टूटेगी जब वह अलविदा कहकर चला जायेगा। क्योंकि तब एक नई कहानी की शुरुआत होगी। जिसजे हम ही लिखेंगे। 

5.वो हमारा था ही नहीं जिसने हमें ना समझा कि परख : किसी रिश्ते ने सबसे जरूरी है एक दूसरे के लिए समझ। अगर सामने वाला किसी भी तरह हमें समझ नहीं रह तो ये मान लेना चाहिए कि वो हमारा है ही नहीं।उसका चला जाना ही हमारे लिए अच्छा था। 

6.विदाई एक नई शुरुआत : कोई भी अलगाव एक नए जुड़ाव का संकेत देता है। ये जुड़ाव किसी नए व्यक्ति , स्थिति या रुचि से हो सकता है।

7. उस दर्द से भी दूरी जो जाने वाले के रहने से बना होता है : कभी कभी जो पास होता है वो दर्द का भी कारण होता है। हम जानबूझकर उससे अलग नहीं हो रहे होते हैं इस लिए उसके साथ के दर्द को भी ढोते हैं।अलविदा उस दर्द से भी है।

8. हर रिश्ते से बड़ा है स्वाभिमान : अपने आत्मसम्मान की कीमत पर जो बजी रिश्ते निभाये जाते हैं उनका अंत दुखद ही होता है। क्योंकि कोई भी रिश्ता बहुत दिनों तक खुद को तोड़ कर दबा कर नहीं निभ सकता।

9. थोड़ा खुद को खाली स्पेस देना जरूरी : बंधे बंधाये से रिश्ते में खुद को कैदी जैसा महसूस करने से बेहतर है कि अलविदा कहकर खुद को एक खाली स्पेस दी जाए। और उस स्पेस में अपनी मनमर्जी की जाए। 

10.समय की उपलब्धता से नई रचना : कभी कभी अलगाव किसी नई रचना या उपलब्धि को जन्म देता है।  बहुत सी रचनात्मकता अंदर दबी रह जाती है। जब खुद जे पास समय होता है तो हम उस रचनात्मकता की ओर ध्यान देने लगते हैं।

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