आकर्षक व्यक्तित्व के कुछ खास गुण
आकर्षक व्यक्तित्व के कुछ ख़ास गुण : ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
हम सभी चाहते है कि हमारा व्यक्तित्व ऐसा हो कि सब हमारी ओर आकृष्ट होयें। हम पर ध्यान दें। हम जो कह रहे उसे तवज्जो दें। हमें प्राथमिकता दें। पर इस तरह की पर्सनालिटी बनाये रखने के लिए कुछ हमें खुद पर भी काम करना होगा। कुछ आदतें बदलनी होंगी। कुछ नई आदतें अपनानी होंगी। कुछ व्यवहारिक परिवर्तन लाने होंगे। जिससे हम अपने व्यक्तित्व को सर्वव्यापी बना सकते हैं।
उन कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को सिलसिलेवार समझते हैं। हो सकता है कि उनमें से बहुत कुछ पहले से ही हमारे व्यवहार में हो। पर उनको भी परिष्कृत करके अपनाना होगा जिससे समयानुकूल व्यवहारिक व्यवस्थापन करके सबको अपनी ओर आकृष्ट किया जा सके।
1. सबसे पहले तो नियमित मुस्कुराते रहने की आदत बनाई जाए। क्योंकि मुस्कुराता चेहरा हर किसी को अपनी ओर आकृष्ट करता है।
2.धैर्यपूर्ण आचरण अपनाना होगा। त्वरित प्रतिक्रिया अक्सर सटीक नहीं होती। इसलिए किसी भी स्थिति को अच्छे से समझकर उसे स्वीकार या अस्वीकार करना होता है। जब तक स्थितिनुसार सटीक प्रतिक्रिया नहीं दी जाएगी तब तक क्रेडिबिलिटी पक्की नहीं होगी।
3.जब भी किसी से आमना सामना होए। सीधे उनकी आंखों ने देखकर बात करें। जो कि आत्मविश्वासी होने का प्रमाण है। इधर उधर बगले झांकते हुए सामना करने से डरपोक व्यक्तित्व झलकता है।
4. बॉडी लैंग्वेज मजबूत दिखनी चाहिए। ढीला ढाला व्यक्तित्व कभी भी दूसरे को आकर्षित नहीं कर सकता।
5. सोच.... समझ के साथ होनी चाहिए। ऐसा नहीं कि अगड़म बगड़म कुछ भी सोचो। जिसका परिणाम सार्थक होए। कम सोचों सार्थक सोचो। क्योंकि बेहतरीन सोच भी व्यक्तित्व निखारने के कार्य करती है।
6. कोशिश करके दूसरों को सुनने की आदत बनानी चाहिए। क्योंकि सिर्फ़ अपनी अपनी कहने वालों को लोग कम पसन्द करते हैं। जब दूसरों को भी बोलने का समय दिया जाएगा तभी वह करीब रहना चाहेंगे।
7. कोशिश करी जाए कि मिलने वाले लोगों का नाम याद रखा जाए। किसी से लंबे समय के बाद मिलने अगर उसको नाम से पुकारो तो अपनापन महसूस होता है। इसलिए सम्बोधन नाम से ही हो।
8. लोगों की तारीफ़ करने की आदत बनाई जाए। इससे लोग खुश होकर जुड़ते हैं। उन्हें ये आभास होता है कि अमुक उनको सराहता है
9. सपोर्टिव बनना होगा। जिससे लोग ये महसूस कर सकेंगे कि वह जिससे जुड़ रहे हैं वो सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहता है।
10. कोई रिश्ता तभी निरंतर हो पायेगा। जब समान भाव से स्वीकार किया जाएगा। उसके लिए सामने वाले से समानता का भाव बनाना पड़ेगा।
11.कपड़े व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होते हैं। जरूरी नहीं कि महंगे ब्रांडेड कपड़े ही पहने जाएं तो ही व्यक्तित्व आकर्षक लगेगा। कपड़े मौसम, कदकाठी , रंग रूप और मौके के हिसाब से पहने जाने चाहिए। सस्ता या महंगा नहीं बस शरीर पर जंचना चाहिए।
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