आईने का सवाल

 आईन का सवाल :        ••••••••••••••••••


आईना भी बार बार पूछता है...

ये अछूता सौंदर्य लिए कौन है

जो मुझे लजाने के लिए सजता है

मजबूरी है कि मैं वही दिखाऊं

जो रूप उस मुख पर दमकता है

कैसे कहूँ कि मेरी ही वज़ह से

उनके श्रृंगार का हर एक पहलू

सम्पूर्ण व मारक दिखता है

फ़िर भी कोई उनको सजाने में 

मेरे सहयोग को नहीं गिनता है

बार-बार ख़ुद को निहारते हुए जो

शरमा कर सिमट से जाते हैं

उनके प्रतिबिंब को उनकी प्रशंसा 

भरी नज़र से बचा कर रखूं 

ये मेरी औपचारिक नैतिकता है

     ~ जया सिंह ~


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