शायद की ताकत ………!

 क्या आप ने कभी एक बात पर गौर किया कि हम बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय इस लिए छोड़ देते हैं कि ,  हो सकता है की वह हो न पाये या उसका परिणाम अनुकूल न हो। इस की वजह है एक शब्द............. शायद। अक्सर कार्य से पहले उसका अनुमान लगा लेना मानव मन की कल्पना है और जरूरी नहीं की उसके अनुमान का परिणाम अनुकूल हो इस लिए हम कार्य होने से पहले ही डर कर उसे छोड़ देते हैं। ये  हमेशा व्यक्ति को डरा कर रखता है की शायद ऐसा हो जाए या शायद ऐसा न हो पाये। किसी भी कार्य से पहले उसका आंकलन और फिर उसका मूल्यांकन व्यक्ति के कार्य क्षमता को और उसके निर्णय को प्रभावित करता है। पर फिर भी मानव इस शायद के जाल से बाहर नहीं निकल पाता।  हालांकि ये भी एक सत्य है कि यही शायद कभी कभी हौसला देने का भी कार्य करता है। जब कार्य असंभव दिख रहा हो और पता हो की परिणाम भी सकारात्मक नहीं आएगा तब ये ही शायद ही एक आस बन कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।  क्योंकि तब मानव यह सोच कर आगे बढ़ता है की चलो कर के देखते हैं उम्मीद है कि अच्छा ही परिणाम आएगा। लेकिन शायद  हमेशा से डरा कर व्यक्ति की चाल को प्रभावित करता है। 
                                    पूर्वाभास होना मानव की कल्पना है पर ये कल्पना सत्य हो न हो ये परिस्थिति पर निर्भर है। परिस्थितियां कैसी होंगी ये विधाता ने पहले ही हमारे भाग्य में लिख दी है। हाँ ये एक अलग सत्य है की इसका परिणाम हम शायद पर छोड़ देते हैं। भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है कोई नहीं जानता ,इसीलिए हम ज्यादातर इस शायद शब्द से काम चला लेते हैं। आवश्यक भी है कि हम आशावादी हो कर जीवन की कठिनाइयों का सामना करें और शायद सब कुछ अच्छा हो जाए इस प्रयास को कभी न त्यागें। ये शायद ही जीवन को आगे बढ़ने का साहस देता है। अँधेरी काली रात के बाद नए दिन का उजाला आएगा इसी उम्मीद में व्यक्ति विपत्ति के दिन भी काट लेता है। तब यही शायद उसे हिम्मत देता है विपरीत परिस्थितियों के खिलाफ खड़े होने की। इस शायद को जीवन के हौसले की पाएदानें बनाएं और हिम्मत से एक एक कदम आगे बढे सफलता जरूर मिलेगी।  सफल वही होते है जो इस शायद को सकारात्मक तरीके से जीवन में समाहित करने का कार्य करते हैं। यदि प्रयास करें तो शायद ये लक्ष्य हम पा सकें यही आस होनी चाहिए। तभी जीवन सार्थक होगा। जब कभी भी आगे अंधकार सा नजर आये तब इस शायद को खुद से आगे चलने दें और प्रयास को खुद के साथ , सफलता दूर सही पर मिलेगी अवश्य यह एक शाश्वत सत्य है। चाहे तो आज़मा कर देखे फिर यकीन करें।   

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