आम से ख़ास होने के लिए नए को आमंत्रण……!
आज के आधुनिक होते युग में आप सभी में से एक हैं। कोई विशेष नहीं,कुछ खास नहीं । ऐसा क्यों आप ने कभी सोचा है ? नहीं तो आज सोचिये , ये आवश्यक है इस लिए कि आप की अलग पहचान ही आप को सब से भिन्न दिखा कर आकृष्ट कर पाएगी। स्वयं में एक आम जन के गुण ले कर आप कभी भी खास का दर्जा नहीं पा सकते। सब से ज्यादा जरूरी है कि अपने आस - पास के वातावरण को महसूस कर के उस से खुद को अलग करना। अलग रखने से तात्पर्य है कि जो सभी कर रहें हो उसे आप न दोहराये। जैसे कि भेड़ चाल …ऐसे में आप वही सब करेंगें जिसे सब आसानी से स्वीकार करतें हो या जिस से आप अलग सा न महसूस करने लगें। लेकिन यहीं आप गलत है क्योंकि जब तक आप कुछ अलग नहीं सोचते या करते हैं आप भेड़ चाल में ही रहेंगे। हमेशा उन्होंने ही प्रसिद्धि पाई है जो लीक से हट कर कुछ अलग करने का दम रखते है।
ये भी जरूरी है कि पहले स्वयं में ये हिम्मत जुटाएँ कि कुछ खास करने के लिए विरोध सहने की क्षमता आप में है या नहीं ? क्योंकि जब कभी भी कोई भी समाज के लगातार चलते नियम को तोड़ता है तो उसे खिलाफत का सामना करना पड़ता है पर जब वही सफल हो कर आगे निकल पड़ता है तब उसे लोग आदर्श मानने लगते है। इस लिए ये हिम्मत जरूरी है कि एक प्रयोग के ही तौर पर ही आप किसी नए को अपनाएं और कोशिश करें कि सफलता आप को अपनाएं। इस से लोगों का विश्वास आप में बढ़ेगा। मैंने ये महसूस किया है कि स्कूल के समय में टीचर द्वारा अपने doubt clear करने का मौका देने के बाद भी मैं खड़े हो कर कुछ भी नहीं पूछ पाती। इस का कारण था कि मैं लोगों के attention से दूर रहना चाहती थी। और नहीं चाहती की कक्षा में सभी मुझे एक साथ देखने लगें। इस के कारण बहुत से काम मुझे खुद से समझ कर करने पड़ते थे। यही भावना अपने मन से निकालनी पड़ती है तभी कुछ खास करने की हिम्मत आती हैं।
ये एक शाश्वत सत्य है कि ज्यादातर लोग खुद को highlight होने से बचाने के चक्कर में वही जिंदगी जीए जाते हैं जो पिछले काफी समय से जी रहें है चाहे उसमें उन्हें कितनी भी बोरियत हो रही हो। विदेशों में लोग रोमांच और नयेपन के लिए ऐसे अनेकों कार्य करते है जिन में जान का भी जोखिम बना रहता है। फिर भी वह करते हैं क्योंकि उन्हें नयेपन के साथ जीना अच्छा लगता है। और हम हिदुस्तानी उसी boring lifestyle को as usual जीए जातें है क्योंकि हमें नयेपन के असम्भवित खतरे से डर लगता है। हम कई दशकों से वही जिंदगी जे रहें है जो की हमारे पुरखों ने जी और हम जिसे अपने बच्चो को हस्तांतरित करेंगे। शायद इसी लिए हम कभी भी खास नहीं बन पाते। उस के लिए एक नया कदम उठाना पड़ेगा। और उस नए कदम को लोगो की नजरों में खास बनाने के लिए उसे अलग से present करने की कोशिश करनी पड़ेगी । इस नयेपन के राह का निर्माण स्वयं ही करना पड़ेगा ,जिस से आप की एक अलग identity बनेगी और आप आम से खास बनने की ओर चल सकेंगे।
आज के आधुनिक होते युग में आप सभी में से एक हैं। कोई विशेष नहीं,कुछ खास नहीं । ऐसा क्यों आप ने कभी सोचा है ? नहीं तो आज सोचिये , ये आवश्यक है इस लिए कि आप की अलग पहचान ही आप को सब से भिन्न दिखा कर आकृष्ट कर पाएगी। स्वयं में एक आम जन के गुण ले कर आप कभी भी खास का दर्जा नहीं पा सकते। सब से ज्यादा जरूरी है कि अपने आस - पास के वातावरण को महसूस कर के उस से खुद को अलग करना। अलग रखने से तात्पर्य है कि जो सभी कर रहें हो उसे आप न दोहराये। जैसे कि भेड़ चाल …ऐसे में आप वही सब करेंगें जिसे सब आसानी से स्वीकार करतें हो या जिस से आप अलग सा न महसूस करने लगें। लेकिन यहीं आप गलत है क्योंकि जब तक आप कुछ अलग नहीं सोचते या करते हैं आप भेड़ चाल में ही रहेंगे। हमेशा उन्होंने ही प्रसिद्धि पाई है जो लीक से हट कर कुछ अलग करने का दम रखते है।
ये भी जरूरी है कि पहले स्वयं में ये हिम्मत जुटाएँ कि कुछ खास करने के लिए विरोध सहने की क्षमता आप में है या नहीं ? क्योंकि जब कभी भी कोई भी समाज के लगातार चलते नियम को तोड़ता है तो उसे खिलाफत का सामना करना पड़ता है पर जब वही सफल हो कर आगे निकल पड़ता है तब उसे लोग आदर्श मानने लगते है। इस लिए ये हिम्मत जरूरी है कि एक प्रयोग के ही तौर पर ही आप किसी नए को अपनाएं और कोशिश करें कि सफलता आप को अपनाएं। इस से लोगों का विश्वास आप में बढ़ेगा। मैंने ये महसूस किया है कि स्कूल के समय में टीचर द्वारा अपने doubt clear करने का मौका देने के बाद भी मैं खड़े हो कर कुछ भी नहीं पूछ पाती। इस का कारण था कि मैं लोगों के attention से दूर रहना चाहती थी। और नहीं चाहती की कक्षा में सभी मुझे एक साथ देखने लगें। इस के कारण बहुत से काम मुझे खुद से समझ कर करने पड़ते थे। यही भावना अपने मन से निकालनी पड़ती है तभी कुछ खास करने की हिम्मत आती हैं।
ये एक शाश्वत सत्य है कि ज्यादातर लोग खुद को highlight होने से बचाने के चक्कर में वही जिंदगी जीए जाते हैं जो पिछले काफी समय से जी रहें है चाहे उसमें उन्हें कितनी भी बोरियत हो रही हो। विदेशों में लोग रोमांच और नयेपन के लिए ऐसे अनेकों कार्य करते है जिन में जान का भी जोखिम बना रहता है। फिर भी वह करते हैं क्योंकि उन्हें नयेपन के साथ जीना अच्छा लगता है। और हम हिदुस्तानी उसी boring lifestyle को as usual जीए जातें है क्योंकि हमें नयेपन के असम्भवित खतरे से डर लगता है। हम कई दशकों से वही जिंदगी जे रहें है जो की हमारे पुरखों ने जी और हम जिसे अपने बच्चो को हस्तांतरित करेंगे। शायद इसी लिए हम कभी भी खास नहीं बन पाते। उस के लिए एक नया कदम उठाना पड़ेगा। और उस नए कदम को लोगो की नजरों में खास बनाने के लिए उसे अलग से present करने की कोशिश करनी पड़ेगी । इस नयेपन के राह का निर्माण स्वयं ही करना पड़ेगा ,जिस से आप की एक अलग identity बनेगी और आप आम से खास बनने की ओर चल सकेंगे।
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