पार्ट -II - देश की आधार शक्ति : युवा वर्ग
देश को  तरक्की की  नई राह प्रदान करने वाला देश का युवावर्ग आज स्वयं अपने अस्तित्व को बचाने के लिए रोज़गार के चक्रव्यूह में फंसा है। ऐसे में देश को विकास की  राह पर लाने  से पहले जरुरी है देश के युवावर्ग को राह  पर लाना क्योंकि युवावर्ग के बिना देश का विकास संभव ही नहीं है । आज देश में बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि  कंही भी रोजगार के लिये परीक्षा होती है तो हजारो की संख्या में युवावर्ग एकत्रित हो जाता है जिसकी वजह से परीक्षा वाले शहर की व्यवस्था के साथ साथ ट्रेन एव बसो का संचालन भी  चरमरा जाता  है । कभी कभी तो ऐसी जगहों पर भारी  भीड़ की वजह से दुर्घटनाऐं  भी हो जाती है । देश का युवा  रोजगार की तलाश में अपनी जान तक गँवा देता है । 
             अब आप ही सोचिये देश की शक्ति कहा जाने वाला युवा स्वयं  देश की कुव्यवस्था का शिकार हो रहा है । आज हमें और हमारी सरकार को सबसे पहले इस ओर ध्यान देना होगा। आज बेरोजगारी की सबसे बड़ी वजह ये है की आज प्रत्येक युवा सरकारी नौकरी ही चाहता है और दूसरी वजह ये भी है कि  प्रत्येक युवा नौकरी के अलावा और कोई काम करना पसंद नहीं करता । अब ऐसे में सरकार सभी के लिए तो इतनी नौकरी पैदा नहीं कर सकती । अतः जरुरी है कि सरकार कुछ ऐसा करे की युवा वर्ग सरकारी नौकरी के अलावा कुछ और भी करने की सोचे ।  युवा वर्ग की सरकारी नौकरी की चाहत का कारण इस नौकरी में मिलने वाली जॉब सिक्योरिटी  है । क्या ये जॉब सिक्योरिटी अन्य कामों में नहीं हो सकती ? ऐसा 100 फीसदी हो सकता है अगर हमारी सरकार की पकड़ प्राइवेट सेक्टर पर भी उसी तरह हो जैसी उसकी पकड़ सरकारी तंत्र पर है । दूसरे हमारे कानून में भी ऐसा प्रावधान हो की बिना किसी ठोस वजह के किसी को नौकरी से न निकला जाये , जैसा कि प्राइवेट नौकरीयों  मे अक्सर होता है। यही बिना वजह अकस्मात निकाले जाने का ही डर ही युवाओं को सरकारी नौकरियों की ओर धकेलता है। जिस में सुरक्षित काम करते रहने का संतोष बना रहता है।   
                   सरकार इस समस्या के निराकरण के साथ साथ कृषि को उद्योग का दर्जा दे कर इसमें भी नये रोजगार उत्पन्न  कर सकती है । इसके अलावा देश मे लघु उद्योग के लिए भी युवा वर्ग को ट्रेनिंग देकर उनको रोजगार के नये अवसर प्रदान कर सकती है । ऐसी बहुत सी वस्तुएं है जो आज भी भारत आयात करता है उन्हें प्रशिक्षित युवाओं के जरिये निर्मित कराया जा सकता है। लघु उद्योग का विकास इस समस्या का एक सही हल है।  जिस से युवा अपना काम अपने तरीके से बेहतर कर पायेगा। इन सारे उपायो के साथ साथ देश से रिजर्वेशन पालिसी को हटा कर भी युवा वर्ग का गुस्सा कम कर सकती है. क्योंकि deserve करने वाला युवा सिर्फ इस लिए नहीं चयनित हो पाये कि उसके कोटे की सीट कम है ये गलत है। ये चयन योग्यता और आर्थिक स्थिति के आधार पर हो तो उसे माना जा सकता हैं। अतः जरूरी है कि सबसे पहले युवाओं को उनकी जगह दिखाई जाये और उनकी ऊर्जा का सदुपयोग किया जाए। 

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