चलो आज प्रण करें……… !
प्रण करें कि सच के सिवाय
कुछ भी न बोलेंगे ,
प्रण करें कि जीवन में हमेशा
सिर्फ मिठास ही घोलेंगे ,
प्रण करें कि आज तो बिलकुल नहीं
बाकि का कल रो लेंगे ,
प्रण करें कि सभी के साथ
एकजुट अच्छाई में जरूर हो लेंगे ,
प्रण करें कि मन का सारा मैल
अध्यात्म की सफेदी से धो लेंगे ,
प्रण करें कि नयी उम्मीदों के लिए
मन के द्वार हमेशा खोलेंगे ,
प्रण करें कि आज वक़्त है जागने का
बाकि का कल सो लेंगे ,
प्रण करें कि हम एक साथ होकर ,मन के खेत में
शांति की लहलहाती फसल बो लेंगे ,
प्रण करें कि अपनों के दर्द का बोझ अपना समझ कर
अपने ही कन्धों पर ढ़ो लेंगे,
प्रण करें कि सम्मान सहित लौटाने का जज्बा बना रहे
हमेशा लौटाए जो भी कुछ लेंगे ,
प्रण करें कि सार्थकता में
जीवन को डुबो लेंगे ,
प्रण करें कि इस प्रण के लिए
असंभव मार्ग भी खोलेंगे ,
प्रण करें कि इन सारे प्रणों को
मुफ्त ही मोल ले लेंगे ,
और सबके जीवन में
ख़ुशी और सुकून घोलेंगे …!
प्रण करें कि सच के सिवाय
कुछ भी न बोलेंगे ,
प्रण करें कि जीवन में हमेशा
सिर्फ मिठास ही घोलेंगे ,
प्रण करें कि आज तो बिलकुल नहीं
बाकि का कल रो लेंगे ,
प्रण करें कि सभी के साथ
एकजुट अच्छाई में जरूर हो लेंगे ,
प्रण करें कि मन का सारा मैल
अध्यात्म की सफेदी से धो लेंगे ,
प्रण करें कि नयी उम्मीदों के लिए
मन के द्वार हमेशा खोलेंगे ,
प्रण करें कि आज वक़्त है जागने का
बाकि का कल सो लेंगे ,
प्रण करें कि हम एक साथ होकर ,मन के खेत में
शांति की लहलहाती फसल बो लेंगे ,
प्रण करें कि अपनों के दर्द का बोझ अपना समझ कर
अपने ही कन्धों पर ढ़ो लेंगे,
प्रण करें कि सम्मान सहित लौटाने का जज्बा बना रहे
हमेशा लौटाए जो भी कुछ लेंगे ,
प्रण करें कि सार्थकता में
जीवन को डुबो लेंगे ,
प्रण करें कि इस प्रण के लिए
असंभव मार्ग भी खोलेंगे ,
प्रण करें कि इन सारे प्रणों को
मुफ्त ही मोल ले लेंगे ,
और सबके जीवन में
ख़ुशी और सुकून घोलेंगे …!
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