खास होने का अहसास ....... महत्वपूर्ण !
आप बहुत खास हैं। आप मृदुभाषी हैं , सहज हैं, सरल हैं , आप में भावनाओं की कद्र करने की क्षमता है , आप खुद को बेहतर जताने के लिए हर प्रयास करने को तैयार रहते हैं। ये कुछ एक खूबियां आप में है ये आप जानते हैं। ऐसा इस लिए कि हर व्यक्ति को सब से पहले खुद से ही प्यार होता है। खुद को justify करने के लिए वह कुछ भी कर सकता है। एक आम सी जिंदगी में भी हम खुद को खास दिखाने का हर संभव प्रयास करते हैं। ये कोई अनोखा सत्य नहीं है बल्कि हर मानव मन की अन्तर्गाथा हैं। सबसे पहले अपने लिए सोचना व्यक्ति की प्रथम आवश्यकता है।
पर समस्या वहाँ शुरू होती है जब स्वयं की अत्यधिक पूछ से किसी दूसरे का आत्मसम्मान टकराने लगता है। क्या कभी आप ने ये सोचा की आप खास क्यों है ? विचारणीय विषय है …… आप खास इस लिए है क्योंकि दूसरों ने आप को खास बनाया है न की आप ने खुद को। आप के संपूर्ण व्यक्तित्व की तमाम खूबियां इस लिए खास है क्योंकि उन्हें दूसरे अनोखा मानते हैं। कहते है न कि खूबसूरती आँखों में होती है चीज में नहीं ……… जिस को आप पसंद कर रहें है वह अच्छा है बाकि सब सामान्य। इस लिए जो कुछ आप में है यदि वह दूसरे को पसंद आ रहा है तो वह आप की खासियत बन जाएगा अन्यथा आप की कमजोरी। अब सोचने वाली बात ये है कि कैसे अपनी तमाम खूबियों को हर किसी की नजरों में खास बनाया जाए ? इस के लिए जो सबसे पहले करना होगा वह है दूसरे की रूचि जानना। जब तक आप सामने वाले की पसंद नापसंद , इच्छा अनिच्छा ,और प्राथमिकता नहीं जान लेते आप खुद को उसके सामने उसी के अनुसार प्रस्तुत नहीं कर सकते। किसी भी सम्बन्ध को स्थाई बनाता है एक दूसरे को खास समझना। और ये खासियत आप के व्यव्हार से ही आएगी। जब सामने वाले को ये अहसास हो जाएगा की अमुक व्यक्ति का मेरे प्रति नजरिया सदैव सकारात्मक है तभी वह आप को अपने करीबियों की फेहरिस्त में शुमार करेगा।
इस तथ्य के पीछे का एक सत्य और है वह ये कि सब से पहले आप को सामने वाले की भी खूबियां तलाशनी पड़ेगी। आज हर व्यक्ति महत्वपूर्ण होना चाहता है। किसी की अज्ञात खूबियों को स्वीकार कर के उसे सामान्य से महत्वपूर्ण बनाना पड़ेगा। इस से आप को भी एक अनदेखा लाभ मिल सकता है। पहला ये कि उस व्यक्ति को ये संतोष होना कि आप उसे खास मानते हैं दूसरा ये कि उन अज्ञात खूबियों में से कुछ ऐसी अच्छी खासियत मिल सकेगी जो आप स्वयं में भी समाहित कर सकते हैं। हर किसी के व्यक्तित्व की असमानता ही उसे खास बनती है और उसी में से गुण तलाश कर हम बेहतर बन सकते हैं। जब हम सामने वाले को खास मान लेंगे तो दो खास व्यक्तियों का आमना सामना कुछ बेहतर ही प्रस्तुत करेगा।आप के स्वयं में दबी अनगिनत खूबियां भी तभी बाहर आएँगी जब सामने वाला आप को खास बनाएगा। इस लिए ये process दोतरफा होना चाहिए। जिस से रिश्ते में प्रगाढ़ता आये और साथ ही आप दोनों का व्यक्तित्व और निखरे ………
आप बहुत खास हैं। आप मृदुभाषी हैं , सहज हैं, सरल हैं , आप में भावनाओं की कद्र करने की क्षमता है , आप खुद को बेहतर जताने के लिए हर प्रयास करने को तैयार रहते हैं। ये कुछ एक खूबियां आप में है ये आप जानते हैं। ऐसा इस लिए कि हर व्यक्ति को सब से पहले खुद से ही प्यार होता है। खुद को justify करने के लिए वह कुछ भी कर सकता है। एक आम सी जिंदगी में भी हम खुद को खास दिखाने का हर संभव प्रयास करते हैं। ये कोई अनोखा सत्य नहीं है बल्कि हर मानव मन की अन्तर्गाथा हैं। सबसे पहले अपने लिए सोचना व्यक्ति की प्रथम आवश्यकता है।
पर समस्या वहाँ शुरू होती है जब स्वयं की अत्यधिक पूछ से किसी दूसरे का आत्मसम्मान टकराने लगता है। क्या कभी आप ने ये सोचा की आप खास क्यों है ? विचारणीय विषय है …… आप खास इस लिए है क्योंकि दूसरों ने आप को खास बनाया है न की आप ने खुद को। आप के संपूर्ण व्यक्तित्व की तमाम खूबियां इस लिए खास है क्योंकि उन्हें दूसरे अनोखा मानते हैं। कहते है न कि खूबसूरती आँखों में होती है चीज में नहीं ……… जिस को आप पसंद कर रहें है वह अच्छा है बाकि सब सामान्य। इस लिए जो कुछ आप में है यदि वह दूसरे को पसंद आ रहा है तो वह आप की खासियत बन जाएगा अन्यथा आप की कमजोरी। अब सोचने वाली बात ये है कि कैसे अपनी तमाम खूबियों को हर किसी की नजरों में खास बनाया जाए ? इस के लिए जो सबसे पहले करना होगा वह है दूसरे की रूचि जानना। जब तक आप सामने वाले की पसंद नापसंद , इच्छा अनिच्छा ,और प्राथमिकता नहीं जान लेते आप खुद को उसके सामने उसी के अनुसार प्रस्तुत नहीं कर सकते। किसी भी सम्बन्ध को स्थाई बनाता है एक दूसरे को खास समझना। और ये खासियत आप के व्यव्हार से ही आएगी। जब सामने वाले को ये अहसास हो जाएगा की अमुक व्यक्ति का मेरे प्रति नजरिया सदैव सकारात्मक है तभी वह आप को अपने करीबियों की फेहरिस्त में शुमार करेगा।
इस तथ्य के पीछे का एक सत्य और है वह ये कि सब से पहले आप को सामने वाले की भी खूबियां तलाशनी पड़ेगी। आज हर व्यक्ति महत्वपूर्ण होना चाहता है। किसी की अज्ञात खूबियों को स्वीकार कर के उसे सामान्य से महत्वपूर्ण बनाना पड़ेगा। इस से आप को भी एक अनदेखा लाभ मिल सकता है। पहला ये कि उस व्यक्ति को ये संतोष होना कि आप उसे खास मानते हैं दूसरा ये कि उन अज्ञात खूबियों में से कुछ ऐसी अच्छी खासियत मिल सकेगी जो आप स्वयं में भी समाहित कर सकते हैं। हर किसी के व्यक्तित्व की असमानता ही उसे खास बनती है और उसी में से गुण तलाश कर हम बेहतर बन सकते हैं। जब हम सामने वाले को खास मान लेंगे तो दो खास व्यक्तियों का आमना सामना कुछ बेहतर ही प्रस्तुत करेगा।आप के स्वयं में दबी अनगिनत खूबियां भी तभी बाहर आएँगी जब सामने वाला आप को खास बनाएगा। इस लिए ये process दोतरफा होना चाहिए। जिस से रिश्ते में प्रगाढ़ता आये और साथ ही आप दोनों का व्यक्तित्व और निखरे ………
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