पेशावर में एक माँ की व्यथा , जो आज घर में पड़ी अनगिनत चीजों में अपने लाल को बेतहाशा तलाश रही पर वह उसे मिल नहीं रहा ?
अफ़सोस कल क्यों आया…………………?
कल जब उसने लौट कर अपनी दिनचर्या बताई,
तब क्यों नहीं मैंने उसे स्कूल से दूरी बनाये रखने का
वचन दिलवाया ?
कल जब मैंने उसे मनपसंद खाना परोसा
तो उसने मेरी अच्छी अम्मी कह कर क्यों
गले लगाया ?
कल शाम ढले जब वो दोस्तों के साथ खेलने गया
तो क्यों मैंने उसे समय से लौट आने का
फरमान सुनाया ?
कल जब वह स्कूल का होमवर्क कर रहा था
तब क्यों नहीं मेरे मन ने मुझे अनहोनी का
अहसास कराया ?
कल जब वह अगले दिन का बस्ता जमा रहा था
तब मैंने कुछ अनचाहे के लिए उसे
क्यों नहीं चेताया ?
कल उसकी स्कूल ड्रेस को इस्त्री करवा के
मैंने क्यों तैयार करवाया ?
कल उसका पसंदीदा टिफिन बनाने का विचार
अपने मन में मैंने क्यों बनाया ?
कल जब उसने स्कूल न जाने की बात की ,
क्यों मैंने जबरदस्ती
उसे जाने के लिए मनाया ?
कल जब उसने मेरा मान रखते हुए जाने की हामी भरी
तब क्यों नहीं मेरी ममता ने
उस प्यारे से मुखड़े पर तरस खाया ?
जीवन भर वह कभी भी अलग न हो ,
कल रात क्यों नहीं उसे इस तरह
छाती से चिपकाया ?
कल क्यों नहीं एक माँ के मन ने अपने कलेजे के टुकड़े को,
नजर का टीका लगाया ?
पर अफ़सोस ..........! कल गुजर गया !
अम्मी देर हो रही है जल्दी चलो,
वाला मीठा सा सुर
न जाने कहाँ चला गया ?
अफ़सोस कल क्यों आया…………………?
कल जब उसने लौट कर अपनी दिनचर्या बताई,
तब क्यों नहीं मैंने उसे स्कूल से दूरी बनाये रखने का
वचन दिलवाया ?
कल जब मैंने उसे मनपसंद खाना परोसा
तो उसने मेरी अच्छी अम्मी कह कर क्यों
गले लगाया ?
कल शाम ढले जब वो दोस्तों के साथ खेलने गया
तो क्यों मैंने उसे समय से लौट आने का
फरमान सुनाया ?
कल जब वह स्कूल का होमवर्क कर रहा था
तब क्यों नहीं मेरे मन ने मुझे अनहोनी का
अहसास कराया ?
कल जब वह अगले दिन का बस्ता जमा रहा था
तब मैंने कुछ अनचाहे के लिए उसे
क्यों नहीं चेताया ?
कल उसकी स्कूल ड्रेस को इस्त्री करवा के
मैंने क्यों तैयार करवाया ?
कल उसका पसंदीदा टिफिन बनाने का विचार
अपने मन में मैंने क्यों बनाया ?
कल जब उसने स्कूल न जाने की बात की ,
क्यों मैंने जबरदस्ती
उसे जाने के लिए मनाया ?
कल जब उसने मेरा मान रखते हुए जाने की हामी भरी
तब क्यों नहीं मेरी ममता ने
उस प्यारे से मुखड़े पर तरस खाया ?
जीवन भर वह कभी भी अलग न हो ,
कल रात क्यों नहीं उसे इस तरह
छाती से चिपकाया ?
कल क्यों नहीं एक माँ के मन ने अपने कलेजे के टुकड़े को,
नजर का टीका लगाया ?
पर अफ़सोस ..........! कल गुजर गया !
अम्मी देर हो रही है जल्दी चलो,
वाला मीठा सा सुर
न जाने कहाँ चला गया ?
Very painful
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