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Showing posts from March, 2025

प्रकृति की राह

नज़रिया बदल लो

मन को विश्राम देना आवश्यक

ख़ुशगवार मैं

चुप्पी चुभती है

शिवलिंग और जल अर्पण

जिंदगी से मुलाकात

नियति को झेलने की तैयारी

डर और लिहाज मर गया है

फिक्र भरे सवाल

शिकायत की पाई पाई

तुम बसे हो मन में

कड़वा सच: अब न्याय से भी उम्मीद नहीं

मेरा अक्स

कोशिशें अमर हो जाती हैं

मिला तो सही पर मिला नहीं

जो लिख दिया प्रभु ने वही होगा

गले तक भरा है रोना

चालीस- बयालीस की उमर

पिता का आशीर्वाद

दूसरों से वफ़ादारी की उम्मीद

किसी के लिए ख़ुद को मत बदलो

ढेरों शुभकामनाओं सहित होली की बधाई

होलिका दहन

होली की शुभकामनाएं

बसंत ऋतु और पलाश

अपने नाम एक ख़त लिखूं

साँसों का भरोसा नहीं

गर्व है कि स्त्री हूँ

डेजा वू "Deja vu"

समय को समय पर पहचानो

ख़ुद को ख़ुदा समझने की भूल

विकसित बुद्धि - लाभ या हानि

उम्र गुज़र रही तो क्या

मंदिर का घण्टा

मोक्ष का सत्य

इंकार का भाव

प्रेम ने बहुत कुछ बदला

पूछ लिया मैनें ख़ुदा से