फिक्र भरे सवाल
फ़िक्र भरे सवाल :
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दवाई ली ना.....खाना खाया क्या.....कहाँ हो तुम...., क्या कर रहे हो....., मूड कुछ खराब लग रहा बताओ क्या हुआ...., नींद नहीं आ रही है तुम्हें कोई टेंशन है क्या.....,ये सब पूछने वाला अगर कोई हमारी जिंदगी में है तो हम खुशनसीब हैं। किसी बिल्कुल अकेले से पूछो कि इन सवालों को वो किस हद तक मिस करता होगा।ये सिर्फ़ सवाल नहीं , ये I love you कह देने से ज्यादा important है। ये वो care है जो एक इंसान होने के नाते हर कोई deserve करता है। सिर्फ़ साथ रहना रिश्ता नहीं बनाता। बल्कि ये छोटे छोटे सवालों में छुपी care रिश्ता बनाती है। ये सवाल किसी भी रिश्ते के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। चाहे पति पत्नी का हो चाहे अभिभावक और बच्चे का, चाहे दोस्त का....बस इतना भर पूछ लेना ही ये जता देता है कि उसे फिक्र है हमारी....हमारा भूखा रहना उसे तकलीफ़ देता है। हमारी सुकून की नींद से उसे भी नींद आ जाती है। हमारा सुरक्षित रहना उसकी प्राथमिकता है।
हम अक्सर ऐसे पूछे जाने वाले सवालों को व्यस्तता के चलते या फिर बार बार पूछे जाने के कारण ignore करते हैं। कि हर बार वही एक सवाल क्यों....खाना खाया ? ? अरे जब खाने का डिब्बा दिया है तो खा ही लिया होगा। पर उस सवाल का एक दूसरा पहलू अक्सर अनदेखा कर देते हैं कि शायद पूछने वाला आवाज़ सुनकर आंतरिक भावनाओं को समझना चाहता हो। मसलन मूड खराब होने की वजह से खाना नहीं खाया या व्यस्तता की वजह से....नींद नहीं आ रही तो कोई चिंता दिमाग को खाये जा रही वगैरह वगैरह....
फिक्र होना ये दर्शाता है कि है कोई जो हमारे लिए भी थोड़ा बहुत जी रहा है। इस भागती दौड़ती दुनिया में जहां सब सिर्फ अपने लिए मस्त है। कोई छोटी छोटी फिक्र करके हमें उसकी ज़िन्दगी का हिस्सा बना रहा। तो अब से उसे सम्मान दिया जाए तो इस तरह के प्रश्नों से हमें जुड़ा होने का अहसास कराते हैं।
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