साँसों का भरोसा नहीं
साँसों का भरोसा नहीं :
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अपनी सांसों का तो भरोसा नहीं....
और हम लोगों से वफादारी की उम्मीद करते हैं
बहुत मुश्किलों से मिलती है ज़िन्दगी....
रब की मेहरबानियों से उसको मुफ़ीद करते हैं
हर कदम पर जिंदगी नया सिखाती है...
जरा संभलके हमें आजमाए ये ताकीद करते हैं
जिंदगी के पल एक समान नहीं...
कर्मों की गति से उन्हें सुखों का मुरीद करते हैं
मंजिल तो मिल जाएगी इक दिन...
यूँ करे चलते हुए सफ़र के नूर की दीद करते हैं
जो मिले प्यार से उसे गले लगा लो...
इस अपनेपन को खुशी से खुशामदीद करते हैं
जो रोड़े राहों की अड़चन बन रहे...
अपने हौसलों की ताकत से उन्हें नाउम्मीद करते हैं
जिंदगी छोटी सही पर ये कर लो....
उसके हर लम्हें में सुकूँ की सांस की खरीद करते हैं
( मुफ़ीद - लाभकारी , ताकीद - हिदायत , मुरीद - प्रशंसक,
दीद - दर्शन या देखना, खुशामदीद - स्वागत नमस्कार )
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