उम्र गुज़र रही तो क्या
उम्र गुज़र रही तो क्या .....!
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उम्र चुपके चुपके से गुज़र रही है
पर जीना तो अभी बाकी है
वक्त को कर लेने दो अपनी मनमानी
वक्त मेरा आना अभी बाकी है
चल पड़े है अपनी राह चुनकर
माकूल मंजिलों को पाना अभी बाकी है
निभा रहे जिंदगी में किरदार अपना
पर्दे गिरने दो,ताली बजना अभी बाकी है
लोग मेरी हार की चर्चा कर रहे,
मेरी कामयाबी का शोर होना अभी बाकी है
हालातों ने जो कभी गिराया तो
फ़िर उठकर उसे जवाब देना अभी बाकी है
जो बहुत कुछ गवां देने पर टोक रहे
उन्हें बता दूँ,बहुत कुछ पाना अभी बाकी है
कौन कहता है कि जिंदगी खत्म हो रही
एक बेहतरीन शुरुआत करना अभी बाकी है।
~ जया सिंह ~
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