तानाशाही के ख़िलाफ़ आंदोलन

तानाशाही के खिलाफ आंदोलन :

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किसी भी तानाशाह को ज़रा होशियार रहना  चाहिए..

क्योंकि जब आग लगती है तब घर में रहने वाले का 'ओहदा, रुतबा नहीं देखती हैं। सब कुछ ख़ाक कर देने पर आमादा होती है। यही बात नेपाल की वर्तमान स्थिति पर भी लागू होती है। 

~ नेपाल के PM देश छोड़ भाग गए

~ 10 नेपाली मंत्रियों का इस्ती'फ़ा

~ वित्तमंत्री को सड़कों पर दौड़ाकर पीटा जा रहा है

~ वित्तमंत्री का ज़िंदा रहना मुश्किल है

~ नेपाली संसद अब छात्रों के क़ब्ज़े में हैं

~ नेपाली फ़ौज को दौड़ा दौड़ा कर पीटा जा रहा

~ नेपाली मीडिया के कुछ एंकर के भीड़ ने कपड़े फाड़े

~ उन्हें निर्वस्त्र कर दिया गया और जबर्दस्त पिटाई भी की गई 

~ बाक़ी मीडिया के एंकर सरेंडर करना चाहते हैं

~ मगर जनता एंकरों को जान से मारना चाहती है

~ नेपाल का आज हर सरकारी समर्थक अब भाग रहा है


★ लोकतंत्र में धांधलीपूर्ण चुनाव , वोटरों की हेराफेरी, ख़बरों से खेलकर उन्हें तोड़ना मरोड़ना, देश के चंद उद्योगपतियों को देश बेच देना और विपक्ष को ख़त्म करने की कोशिश करना कितना ख़तरनाक है वो श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और दूसरे देश में साबित हो चुका है..

★ लोग खुद में और नेपो किड्स की जिंदगी में साफ अंतर देख रहे। अपनी बेचारगी और उनकी अय्याशियां के बीच की गहरी दरार ने ये बड़ा सा गड्ढा बना दिया जिसे पर करना आमबच्चों को मुश्किल लगने लगा। 

★ ये भी साबित हुआ कि अगर झूट लिख कर दिखा कर बता कर इतिहास तब्दील करने की कोशिश करोगे तो इतिहास तुम्हें मिटा देगा। ये सब करने के लिए उनकी आवाज को सामने रखने वाले सोशल मीडिया को भी रेगुलेट करने की कोशिश की जाने लगी । बस यही चिंगारियां मिलकर एक बड़ी आग बन गयी। 

★ इसलिए नेपाल की इस जेन ज़ी प्रोटेस्ट से ये पैग़ाम साफ़ है : हद पार हुई तो मिटा दिए जाओगे....

★ वैसे तो लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है....मगर लोकतंत्र बचाने के लिए जब जनता सड़कों को गुलज़ार करती है तब उसे बग़ावत नहीं कहा जा सकता...। क्योंकि ये देश को बचाने की जुगत है। 

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