घृणित कृत्य का भुक्तभोगी मासूम

घृणित कृत्य का भुक्तभोगी मासूम :

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जब कहीं ना कहीं ये अहसास होए की हमने गलत किया तो उसे छुपाने के लिए और गलत किया जाए तो ये बेहद घृणित होता है। एक ऐसी घटना निगाह में आई जिसे पढ़कर मन अत्यधिक दुःखी हुआ। इस तरह की मानसिकता के साथ ये सब क्यों हो रहा ये समझ पाना कोई मुश्किल नहीं है। 

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक बालिका के उसके ममेरे भाई से यौन संबंध बन गए। परिवार से छुपाकर दोनों ने इसे अपनी मौज के लिए जारी रखा। अब आज हर हाथ इंटरनेट की स्थिति में जवान होती बच्ची को ये पता ना हो कि इस तरह का सम्बंध गर्भधारण करा सकता है ये मानना असम्भव है। तो क्या उन दोनों को इसके परिणाम की खबर नहीं रही। लगभग पांच छह माह बाद माता पिता को बेटी के गर्भवती होने की जानकारी मिली। उनके होश उड़ गए। समझ नहीं आया कि इससे कैसे निपटें। डॉक्टर के पास जाते तो बात खुल जाती।  किसी तरह तीन माह और छुप छुपाकर काटे और घर में ही जचगी करा दी। अब यहां तक कि घटना तो सामान्य है जिसमें कोई भी उलझ सकता है। 

पर घृणित वाक्या तो अब हुआ। बच्चे के जन्म के बाद उसके मुहं के अंदर एक पत्थर रखकर उसके होंठ फेवीक्विक से चिपका दिए जिससे वो रो ना सके। और उसे ऐसे हाल में करके जंगल में फेंक दिया। किसी ने वहां से गुजरते हुए हलचल और कराह सुनी तो बच्चे को पाया। उसे अस्पताल पहुंचाया । अब बच्चे का इलाज चल रहा है।

अब घटना को मनोवैज्ञानिक नज़रिये से समझने की कोशिश करते हैं। एक नवजात जो इतना प्यारा कोमल और मख़मली होता है। सबसे पहले लाख बंदिशों के बाद भी कोई उससे नफरत कैसे कर सकता है। और नफरत भी इस हद तक कि उसका ऐसा हाल स्वयं के हाथों से किया जाए। वह लड़की चाहे कम उम्र की माँ बनी हो पर क्या वो उन नौ महीने की अनूभूतियों से तो वंचित नहीं रही होगी। जब बच्चे ने उसके शरीर में हरकतें की होंगी। मां की ममता तो भ्रूण का बीज पड़ने के साथ ही स्त्री के मन में पनपने लगती है। ये अलग बात है कि सामाजिक दबाव उसे स्वीकारने की मंजूरी नहीं देता। और अंतिम बात जानकर भी कुएं में छलांग लगाना बेवकूफी ही होगी।  लड़की की खुद की कम उम्र ,रिश्ते में मामा का लड़का और छुपकर बनाया सम्बंध क्या कभी फलित होना था। इन सब का परिणाम दोनों को ही पता होगा। फिर भी उन्होंने इसे अनदेखा किया। लेकिन इसका परिणाम भुगता उस मासूम ने जिसका इस घटना से कोई सरोकार नहीं था। 

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