खुद की दृष्टि में खुद को आँको
खुद की दृष्टि में खुद को आँको :
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महत्वपूर्ण ये नहीं कि आप
दूसरों की दृष्टि में क्या हैं और कैसे हैं...? ?
महत्वपूर्ण यह है कि
आप स्वयं अपनी स्वयं की दृष्टि में क्या हैं ?
हम स्वयं को दूसरों की दृष्टि से
देखने और आँकलन करने के आदी हो गए हैं...!
और ये भूल जाते हैं कि स्वयं को
सीधा देखने का भी एक सहज मार्ग है।
वह है अपनी गुणों और अच्छाई को
स्वयं ही महसूस करना....
और वही सही वास्तविक मार्ग है।
पहले तो हम दूसरों को दिखाने के लिए
यह जो मुखौटा पहने रखते हैं
इसे हटाना होगा और फिर आप जैसे हैं
उसे हृदय से स्वीकार करके
उसी तरह सबके सामने खुद को रखना होगा।
तभी जीवन सुखमय होगा।
अपनी आंतरिक वास्तविकता को छुपा कर
ज़्यादा दिन किसी के लिए कुछ बने रहना
स्वयं के साथ विश्वासघात है...!!
पारदर्शिता और सच्चाई यही जीवन में
चिरस्थाई संतुष्टि और सुकून भरती है।
और ये अपने व्यक्तित्व को समभाव रखकर
ही पाया जा सकता है।
~ जया सिंह ~
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