नहीं पूछना तुमसे

नहीं पूछना तुमसे : 

•••••••••••••••••••

नहीं पूछना तुमसे और न ही तुम बताने को आतुर हो

कि हमारा प्रेम बचाने के लिए किस हद तक तत्पर हो

कोई पर्वत कभी सिर्फ आघात से ही ध्वस्त नहीं होता 

बल्कि तब जब आघात की धमक से सरकते पत्थर हों

निःसंदेह मृत्यु अवशम्भावी है लेकिन दम टूटने भर तक 

एक एक पल और जीने की पुरजोर कोशिश हम पर हो

दुनिया सुधरेगी या बदल जाएगी प्रश्न ये महत्वपूर्ण नहीं 

हमें बस खुद को परिमार्जित रखने की जुगत बेहतर हो 

करीने से जिंदगी संवारने वालों थोड़ी बेतरतीबी सीखो

सुकून वहीं है जब तनिक अव्यवस्था उसके परस्पर हो

क्या कहना...क्या सुनना जब मन का हरेक द्वार बंद हो

बात तब बढ़ेगी जब हवाएं खुलकर दोनों ओर अग्रसर हो

जिंदगी थोड़ी है मिलकर आधी आधी बांट लेते हैं पता नहीं

किसके हिस्से में थोड़ी ज्यादा व किसके में थोड़ी कमतर हो

                                 ~ जया सिंह ~

◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆



Comments