यादों में जिंदा रहने वाले

यादों में जिंदा रहने वाले : 

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कभी-कभी लगता है कि हमने सब कुछ खो दिया, लेकिन सच में हमने सिर्फ़ उन लम्हों को पीछे छोड़ा जो अब लौट कर नहीं आएंगे। उन लम्हों के पिटारे में बहुत कुछ ऐसा साथ रहता है जो हमें प्यारा था। जिसका होना जिसे पाना हम चाहते थे। पर वक्त बेवफ़ा निकला। खुद भी गुजर और हमारी चाहतों का वो पिटारा भी अपने साथ ही पीछे लेकर चला गया। 

वो बातें, वो हँसी, वो नज़रे, सब यादों के पीछे छुप कर मुस्कुराते हैं, और दिल को चुभते हैं।

कहते हैं, समय हर घाव भर देता है, लेकिन कुछ जख्म ऐसे होते हैं, जो हमेशा खरोंचते रहते हैं, जिनकी टीस समय से नहीं भरती।  और यादों की तपिश में हम खुद को खो देते हैं।

कभी खामोशी में बैठकर सोचते हैं......!!

क्यों कोई लौट कर नहीं आता, जो टूटकर चला गया था... ? ? इसमें वो सभी लोग शामिल होते हैं। जो जिंदा होकर भी दूर रहते हैं और वो भी जो मरकर दूर चले जाते हैं।

शायद इसलिए कि कुछ रिश्ते कुछ लोग सिर्फ़ यादों में ही जिंदा रहें। 

और वही यादें हमारी तन्हाई को इतना खूबसूरत बना देती हैं कि हम उन्हें कभी अपने पास से जाने नहीं देते। और वो यादें हमें जीने नहीं देती। 

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