खगोलीय घटनाओं का धर्मिकरण

खगोलीय घटनाओं का धर्मिकरण : 

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आजकल मीडिया हर चीज़ को धर्म से जोड़ कर लोगों को भावनात्मक रूप से कमज़ोर करने और स्थितियों को धार्मिक चश्मे से देखने की जमीन तैयार करता रहता है। और धार्मिक अंधविश्वास को फैलाने का मूल अर्थ है लोगों के भीतर से वैज्ञानिक चेतना को पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास करना।  देश में मुख्य धारा के न्यूज चैनल चंद्रग्रहण, सूर्यग्रहण और अन्य खगोलीय घटनाओं के नाम पर यह कार्य लगातार कर रहे हैं। जिससे लोग भ्रमित रहें। उस पर यकीं करते रहें जो असल कारण से बहुत दूर है। 

चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण खगोलीय घटनाएं हैं जो अपने नियत समय समय पर घटती रहती है। यह मानव जीवन के लिए कोई अपशगुन नहीं है। ग्रहण का दूर दूर तक ना तो भूकंप से कोई रिश्ता है और ना ही नेपाल जैसे एक देश में हुई सत्ता परिवर्तन से। अंदरूनी कारणों की वजह से अगर कहीं कुछ होता है तो उसके लिए वहाँ की नीतियां और सरकारें जिम्मेदार होती हैं।

आजकल देश के न्यूज चैनल पूरी तरह बिक चुके है जो केवल सत्ता की दलाली करने का एजेंडा सेट करने में लगे रहतें है और वर्तमान राजनीति में धार्मिक एजेंडा सर्वोपरि हो गया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि धार्मिक अंधविश्वास जितना बढ़ेगा, लोग उनता ही सरकार के चंगुल में आते जाएंगे और उनकी वैज्ञानिक चेतना घटती जाएगी। और अधिकांश सरकारें यही चाहती है कि लोग अंधविश्वास में उलझे रहे। वो तार्किकता से सोचनास छोड़ दें। ताकि उन्हें बेवकूफ़ बनाकर वो अपनी रोटियां सकतें रहे। इसी मक़सद के तहत न्यूज चैनल धार्मिक अंधविश्वास फैलाने के लिए मौकों की तलाश में रहती है।

चंद्रग्रहण ,सूर्यग्रहण या ग्रहों का स्थान परिवर्तन, तारा टूटना जैसी घटनाएं अंधविश्वास फैलाने का मौका नहीं है।  यह शुद्ध खगोलीय घटना है और इसे समझने के लिए ख़ुद में वैज्ञानिक चेतना जगानी होगी और विज्ञान का अध्ययन करना होगा। क्योंकि वैग्यानिक ज्ञान ही हमें आगे की ओर ले जाएगा।

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