सफलता के लिए व्यवहारिक आंकलन जरूरी………! 

आज चलिए कामकाजी लोगों के बारे में बात करते हैं। काम एक जरूरत है जिसे हर किसी को करना पड़ता है। तभी जीवन की गाड़ी चलती है।अपने कार्यस्थल पर कैसा व्यव्हार रखें कि हर किसी को आप का attitude पसंद आये ये एक महत्वपूर्ण तथ्य है। क्योंकि व्यव्हार की शुद्धता ही आप के व्यक्तित्व को और ऊँचा उठा कर सफलता के द्वार तक पहुंचाएगी। इस के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है.............                                                                                             1. ये ध्यान रखें कि जब कभी कोई भी बात करें वह सीधे मुद्दे की हो न की इधर-उधर की। जिस से आप की to the point कहने की आदत सबको पसंद आये। लंबी चलने वाली चर्चाओं में अक्सर मुद्दों से भटकाव  के कारण टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं । जो बाद में कुंठा का कारण भी बन सकती है और कार्यालय में  हमारी छवि को भी नुकसान पहुंचा सकती है।                                                                      2. अपने कार्यों  की पूर्ति में अन्यों की रूचि का भी ख्याल रखें। जिस से उन्हें आप से हानि होने की सम्भावना नजर नहीं आये और वह कही से भी आप को हटाने का प्रयास न करे। दूसरों से बेहतर idea निकलवाने के लिए उनकी रूचि के अनुसार प्रोजेक्ट चुनने का विकल्प सामने रखें जिस से कोई बेहतर productivity का नतीजा सामने आ सकेगा।                                                                                3. बहुत से जरूरी मुद्दो पर आम सहमति बनाने के लिए सबकी राय को अहमियत दें। और इस के लिए पहले सब की सोच को समझने का प्रयास करें। हर कोई अलग तरीके  से सोचता जरूर है पर  वह ये भी जानता है कि किसी भी संस्थान में काम तभी कर पायेगा जब दूसरों को भी सामान अहमियत देगा। इस लिए सभी के बीच understanding  बन सकती है बशर्ते प्रयास किया जाये।                                    4.  यदि आप को अपने व्यव्हार के प्रति लोगो की राय जाननी  है  तो  उन्हें  आप अपने लिए प्रतिपुष्टि  ( feedback ) देने को कहें जिस से आप को अपने व्यव्हार की कमी का पता चलेगा। और passive aggressive behaviour के कारण आप की creditibility पर शक न किया जाए।                                                                        5. लगातार बदल रहे बाजार के नित नए ट्रेंड्स  को अनुभव करें और खुद को नए skills सिखने के लिए हमेशा तैयार रखें।  self  assessment  के लिए अपने साथियों को साथ लेकर  work area का सर्वे  करें और नए बाजार ,नए ट्रेंड्स ,या नए  idea को explore करें।                                                                                       6. कार्यालय में सबको अलग- अलग कार्य दिए जाते हैं और सभी को एक टारगेट  जाता है। जिसे समय पर पूरा करना आवश्यक होता है पर इस के लिए सबसे जरूरी है कि कार्य अलग हो पर साथ मिलकर किये जाएँ। अर्थात  अलग अलग कार्यों को मिल कर सबकी राय से सहमत हो कर करेंगे तो दूसरे भी आप को अपने कार्यों में शामिल करेंगे।  जिस से आप का अनुभव और सहभागिता दोनों बढ़ेगी और सम्बन्ध अच्छे होने से प्रगति के मार्ग खुलेंगे।                                                                             7. कार्यालय में कोई न कोई व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जो  आप को नापसंद कर के आप के कार्यों की आलोचना करता होगा ऐसे में जरूरी है कि उस व्यक्ति को अपने और करीब रखें साथ रखने के लिए आप कार्यों का भी बहाना बना सकते हैं। लेकिन साथ रहने से दो लाभ मिलेंगे पहला ये कि वह आप के करीब आ सकता है। दूसरा ये कि उसकी गतिविधियाँ आप को ज्ञात रहेंगी। ऐसे लोगो का आस पास रहना फायदे का ही सौदा है जो तरक्की का कारण भी बनते हैं। कहते है न कि अपने आलोचक को हमेशा अपने करीब रखें ,कमियों को दूर करने का रास्ता  मिलेगा।                                8. अपनी अहमियत सिद्ध करने के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें। अपने निर्णय करने की क्षमता को इस तरह विकसित करें कि दूसरें बिना आप के कुछ कहे आप को अहमियत देने लगें। और आप के लिए गए निर्णयों की कद्र करने लगें।                   9. सबसे महत्वपूर्ण और आखिरी बात … घर और कार्यालय के बीच एक निश्चित दूरी बनाये रखें। जब कभी भी व्यक्ति ने अपने घर का कच्चा -चिटठा कार्यालय में खोला है तब तब उसकी छवि गिरी है क्योंकि दफ्तर में अपना रुतबा बनाये रखने के लिए अपने घर की परेशनियों या जीवन को उस से दूर रखना चाहिये।                                                                                      हो सकता है कि इन में से कई बातें आप अपने जीवन में अपना रहें हों और कई आप को किताबी लग रही हों। पर सत्य ये हैं की कुछ अच्छा करने या पाने के लिए हमें खुद में ही बदलाव लाना पड़ेगा। आज आप दूसरे से ये कत्तई उम्मीद नहीं कर सकते कि वह बदल कर आप को मनमाफिक सहयोग देगा। स्वार्थ की भूमि पर उगती फसल ने आज रग रग में इतना जहर घोल दिया है कि अपने अलावा और कोई न तो नजर आता है नहीं किसी का सहयोह मायने रखता है।  जब कार्य करना है और खुद को सिद्ध करते हुए करना  है तो कुछ समझोते कर लें और सफल होने की राह पकड़ लें।    

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