भावनाओं के प्रकार
भावनाओं के प्रकार : ~~~~~~~~~~~~~~~~~
अगर मानव जीवित है तो उसमें निरंतर भावनाओं का आना जाना लगा रहेगा। क्योंकि वो स्थितियों के बारे में सोच रहा, कुछ पढ़ रहा, कुछ देख रहा , कुछ समझ रहा तो उसके बारे में विचारों का चलना लाज़मी है। और ये विचार भावनाओं के रूप में मन को दुःखी या सुखी करते रहते हैं। आज समझते हैं भावनाएं मूलतः कितने प्रकार की होती हैं .....
1. Transforming feelings : अर्थात पल पल बदलने वाली भावना। कभी खुशी कभी दर्द कभी डर कभी साहस। और ये बदलाव कभी कभी क्षणिक भी हो सकता है। मतलब एक ही स्थिति में हम कई तरह की भावनाओं का समिश्रण महसूस कर सकते है। जैसे कोई अवार्ड मिलने वाला हो तो उसकी खुशी भी है और स्टेज पर कैसे और किस तरह धन्यवाद ज्ञापित किया जाए ये डर भी। तो इस तरह दो दो विपरीत भावनाएं एक साथ भी मन में उथल पुथल कर सकती हैं। एक अन्य उदाहरण किसी लड़की का विवाह हो रहा हो, और विवाह की खुशी के साथ अपने परिवार मातापिता को छोड़ने का दर्द। ये दोनों भावनाएं मन में एक साथ क्रमशः चलती रहती हैं।
2.only just listen feeling : ये भावनाएं सिर्फ़ किसी की कोई बात सुन कर अकस्मात पैदा होती है और शायद वह बात खत्म होते होते ख़त्म भी हो जाती हैं। क्योंकि उस वक्त हम उस व्यक्ति, माहौल और उस आकर्षण में बंधे होते हैं। इसलिए ये भावना ज्यादा समय तक मन पर हावी नहीं रहती। बस सुन कर पैदा होती है और फिर खत्म हो जाती है।
3.Thinking what we have feeling : कुछ ऐसी भावनाएं जो हमारे पास उपलब्ध साधनों से जुड़ी होती हैं। उनसे लगाव, विरक्ति और उनके बारे में महसूस करना एक अलग तरह की भावना है। वह चीज़ या वस्तु हमें जिंदगी में अहम लगने लगती है। जब तक वह वस्तु हमारे पास रहती है हम उसकी खुशी महसूस करते हैं जब वह खो जाती है या खत्म हो जाती है हम उसका अलगाव भी महसूस करते हैं। पर ये अलगाव उससे अच्छी कोई नई वस्तु मिल जाने तक ही रहता है। क्योंकि कोई नई इच्छित वस्तु मिल जाने पर पुराने के लिए भावनाएं खत्म होने लगकर नई से जुड़ जाती हैं।
4.Living in the moment feeling : वह भावनाएं जो सिर्फ वर्तमान में जुड़ी हो। जिन्हें ना तो past से मतलब हो ना future से...जैसे आजकल की पीढ़ी जी रही। आज खाने के लिए पैसा है , सर के ऊपर एक छत है जिंदगी जी रहे इतना काफी है। कल की कल देखेंगे। जबकि हमारी पीढ़ी past को ध्यान में रखकर वर्तमान जीती है और future plan करती है। अर्थात वह भावनाएं जो वर्तमान के past बनते ही बदल जाती है।
Secured feeling : वह भावनाएं जो सदैव सम्बल की तरह मन में मौजूद रहती हैं। जैसे एक सुरक्षित बैंक बैलेंस होना। ये अहसास कराता है कि जरूरत पर किसी के आगे हाथ नहीं पसारना होगा। खुद इतना सक्षम होना कि ये अहसास होए की हम बिना सहारे के किसी भी विपरीत परिस्थिति से लड़ सकते हैं । इस तरह की भावनाएं हमें मजबूत बनाये रखती हैं। तभी हम डर, चिंता, पीड़ा जैसी भावनाओं से जूझ सकते है।
इस तरह भावनाएं कई तरह की होती हैं और एक इंसान उसे महसूस कर पाता है इसीलिए वह अपने व्यवहार को अच्छा या बुरा क्या बनाना है। ये समझ पाता है।
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