ईश्वर से बड़ा विज्ञान नहीं
ईश्वर से बड़ा विज्ञान नहीं...! *********************
विज्ञान ईश्वर के बनाये संसार में खोज और व्यज्ञानिक चमत्कार करके कई बार ये दिखाता है कि वह कुछ भी कर सकता है। पर वह ईश्वर के बनाई बहुत सी तकनीकी चीजों को समझने में आज भी असफल है। इसको समझने के लिए एक हालिया घटना का उदाहरण लेना पड़ेगा....
2019 में पुणे शहर की एक कंपनी में काम करने वाले व्यक्ति प्रकाश को बिजली का करेंट लगा और दोनों हाथ गंवाने पड़े। मुम्बई के एक अस्पताल में इलाज और फिर प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण किया गया। 2021 में एक brain dead व्यक्ति के tissues match होने पर प्रकाश को प्रत्यारोपण के लिए बुलाया गया। दोनों हाथ प्रत्यारोपित किये गए। ये विज्ञान का चमत्कार था।
पर अब ईश्वर की महिमा का सच जानिए। 2021 के बाद से शरीर उस नए हाथ को अपने साथ adjust करने की कोशिश करता रहा। और अब 2024 में आधार कार्ड पंजीयन ने एक आश्चर्यजनक खुलासा किया कि हाथ कटने से पहले उसके जो finger prints थे। हूबहू अब वही मूल फिंगर प्रिंट उसके हाथ में आ गए। ये अब मेडिकल साइंस के लिए भी शोध का विषय है। पर इसमें विज्ञान नहीं ईश्वर की जादूगरी है।
जैसे पुरुष के हाथ अगर किसी महिला को प्रत्यारोपित किये जायें तो उस हाथ के बाल झड़ जाते है। वह अपेक्षकृत नरम होने लगता है। जबकि पुरुषों की त्वचा कड़ी होती है। अर्थात वह हाथ महिला के शरीर जैसा होता है वैसा बनने लगता है। इसका क्या अर्थ है...
इसका अर्थ है कि ईश्वर ने शरीर की रचना एक खास तरीके से की है। जिसमें हर किसी में कुछ अलग specific गुण होते है। उन गुणों के साथ ही हर किसी का एक अलग आकर, texture, रंग, रूप, शारीरिक विशेषतायें होती है। शरीर उन विशेषताओं के साथ ही आगे बढ़ता है। उन विशेषताओं को विज्ञान भी नहीं बदल सकता। जब कोई भी बाहरी चीज़ शरीर में डाली जाएगी। शरीर उसे अपने अनुरूप बना कर ही स्वीकार करेगा। और ये ईश्वर के चमत्कार से ही होता है।
फिंगर प्रिंट same हो जाना बेहद तकनीकी उपलब्धि है। जो कि सिर्फ और सिर्फ ईश्वर का एक चमत्कार भर है। जिसने इस दुनिया को बहुत खूबसूरती और कारीगरी से गढ़ा है।
★◆★◆★◆★◆★◆★◆★◆★◆★
Comments
Post a Comment