एक खूबसूरत कविता

 एक खूबसूरत कविता :        •~•~•~•~•~•~•~•~•~•

रामधारी सिंह दिनकर 🙏

नित जीवन के संघर्षों से 

जब टूट चुका हो अंतर्मन

तब सुख के मिले समंदर का 

रह जाता कोई अर्थ नहीं....

        जब फसल सूख कर जल के बिन

         तिनका तिनका बन गिर जाए

         फिर होने वाली वर्षा का

         रह जाता कोई अर्थ नहीं .....

संबंध कोई भी हो लेकिन

पर दुख में साथ ना दे अपना

फिर सुख में उन संबंद्धों का 

रह जाता कोई अर्थ नहीं....

              छोटी छोटी खुशियों के क्षण

              निकल जाते हैं रोज जहां

              फिर सुख की नित्य प्रतीक्षा का

              रह जाता कोई अर्थ नहीं....

मन कटुवाणी से आहत हो

भीतर तक छलनी हो जाये

फ़िर बाद कहे प्रियवचनों का 

रह जाता कोई अर्थ नहीं....

               सुख साधन चाहे जितने हों

               पर काया रोगों का घर हो

                फिर उन अगनित सुविधाओं का 

                रह जाता कोई अर्थ नहीं....!!

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